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समाज के लिए मिसाल हैं बुजुर्ग शंकरिया यादव, घूम-घूम कर सबको पिलाती हैं पानी

छिंदवाड़ा के एक गांव की शंकरिया देवी शहर में लगने वाले हाट बाजारों में घुम-घुम कर दुकानदारों को पानी पिलाती है. शंकरियां देवी के इस निस्वार्थ काम से सभी दुकानदार काफी खुश रहते है और दो-पांच रुपयों की मदद भी कर देते है. वहीं इन्ही रुपये से शंकरिया देवी अपने घर का पालन पोषण भी करती है.

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Published : Aug 18, 2019, 6:53 PM IST

Updated : Aug 19, 2019, 12:07 AM IST

दुकानदार को पानी पिलाती शंकरिया यादव

छिंदवाड़ा। शहर के अमरवाड़ा क्षेत्र के हढ़ाई गांव में रहने वाली 80 साल की बुजुर्ग महिला इस उम्र में जो भलाई का काम कर रही है, वो सभी के लिए प्रेरणापद है. पिछले 25 सालों से शंकरिया यादव साप्ताहिक बाजार में जाती हैं और घूम-घूम कर सभी दुकानदारों को पानी पिलाती हैं.

बुजुर्ग शंकरिया यादव

शंकरिया को कुछ दिन पहले पैरलाइसिस हो गया था, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते वो इलाज नहीं करवा पाईं, लेकिन लोगों की दुआ कहें या देसी इलाज के असर से वो जल्द ही इस बीमारी से उबर गईं और फिर से निःस्वार्थ मन से लोगों की सेवा कर रही हैं. पानी पिलाने के एवज में कभी कोई 10-5 रुपये अपनी श्रद्धानुसार दे देता है, जिससे वे अपने परिवार का गुजर बसर करती हैं, लेकिन जो भी रुपये देता है, बदले में उसे दुआ भी जरुर देती हैं.

शंकरिया यादव का कहना है कि वे इंसानियत-मानवता के चलते ये नेक काम करती हैं और उसके एवज में जो भी रुपये मिलते हैं, उससे वो अपने परिवार का भरण-पोषण करती हैं. दुकानदार भी महिला को दादी कहकर पुकारते हैं. जहां साप्ताहिक बाजारों में कुछ लोग भीख मांगकर अपना भरण-पोषण करते हैं, ऐसे समाज में ये बुजुर्ग महिला बेरोजगारों के लिए मिसाल बन गई है.

छिंदवाड़ा। शहर के अमरवाड़ा क्षेत्र के हढ़ाई गांव में रहने वाली 80 साल की बुजुर्ग महिला इस उम्र में जो भलाई का काम कर रही है, वो सभी के लिए प्रेरणापद है. पिछले 25 सालों से शंकरिया यादव साप्ताहिक बाजार में जाती हैं और घूम-घूम कर सभी दुकानदारों को पानी पिलाती हैं.

बुजुर्ग शंकरिया यादव

शंकरिया को कुछ दिन पहले पैरलाइसिस हो गया था, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के चलते वो इलाज नहीं करवा पाईं, लेकिन लोगों की दुआ कहें या देसी इलाज के असर से वो जल्द ही इस बीमारी से उबर गईं और फिर से निःस्वार्थ मन से लोगों की सेवा कर रही हैं. पानी पिलाने के एवज में कभी कोई 10-5 रुपये अपनी श्रद्धानुसार दे देता है, जिससे वे अपने परिवार का गुजर बसर करती हैं, लेकिन जो भी रुपये देता है, बदले में उसे दुआ भी जरुर देती हैं.

शंकरिया यादव का कहना है कि वे इंसानियत-मानवता के चलते ये नेक काम करती हैं और उसके एवज में जो भी रुपये मिलते हैं, उससे वो अपने परिवार का भरण-पोषण करती हैं. दुकानदार भी महिला को दादी कहकर पुकारते हैं. जहां साप्ताहिक बाजारों में कुछ लोग भीख मांगकर अपना भरण-पोषण करते हैं, ऐसे समाज में ये बुजुर्ग महिला बेरोजगारों के लिए मिसाल बन गई है.

Intro:पैरालिसिस के बाद भी नहीं टूटा हौसला और साप्ताहिक बाजारों पर घूम-घूम कर दुकानदारों को पानी पिला रही वृद्ध महिलाBody:*बाजारों में घूमकर दुकानदारों को पानी पिला कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही 80 वर्षीय महिला*

*25 वर्षों से कर रही सेवा कार्य एवरेज में जो पैसे मिलते हैं उससे करती है जीवन यापन*


*सप्ताह के सातों दिन काम करती है वृद्ध महिला*
पानी पिलाने का हौसला यह जुनून या फिर सेवा भाव
*अमरवाड़ा*-आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र अमरवाड़ा मैं अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम हढ़ाई में रहने वाली 80 वर्ष की महिला शंकरिया यादव जो हाथ मे गुंडी और गिलास लेकर विगत 25 वर्षों से अमरवाड़ा के आसपास हर्रई सुरला खापा बटकाखापा अमरवाड़ा में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों पर सभी दुकानदारों को निस्वार्थ भावना से बाजार में घूम घूम कर सभी दुकानदारों को दिन भर पानी पिलाती है और उसके एवरेज में दुकानदार उन्हें ₹2 ₹5 सेवा भाव के देते हैं लेकिन वह वृद्ध महिला कभी किसी को पैसों के लिए ना ही परेशान करती है ना ही कभी किसी से पैसे मांगती है जो दुकानदार जितना भी दे दे उसे लेकर उन्हें दुआ जरूर देती है
प्राप्त जानकारी के अनुसार आदिवासी महिला को कुछ दिनों पूर्व पैरालिसिस की शिकायत आ गई थी लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण इलाज नहीं करा पाई फिर भी लोगों की दुआ है और देसी इलाज के चलते उसने अपने आप को जल्दी स्वस्थ कर पुनः बाजार में दुकानदारों को पानी पिलाने के लिए वापस आ गए
वृद्ध महिला ने बताया कि लोगों को पानी पिलाना उद्देश इंसानियत मानवता के नाते सेवा कार्य करती है उसके एवरेज में जो भी उसे व्यापारियों दुकानदारों के द्वारा पैसे मिलते हैं उससे महिला अपना भरण-पोषण करती है उक्त महिला को सब बऊ जी कह कर पुकारते हैं वृद्ध महिला पानी पिलाकर लोगों की दुआएं तो देती है
जहां साप्ताहिक बाजारों में कुछ लोग भीख मांगकर अपना भरण-पोषण करते हैं तो वहीं दूसरी ओर वृद्ध महिला 80 वर्षीय लोगों को सेवा कार्य पानी पिलाकर जो कुछ भी मिल जाए उस में खुश रह कर अपना जीवन यापन कर रही है लेकिन अपने द्वारा कभी भी किसी से पैसे नहीं मांगती वही जो लोग बेरोजगारी का ढिंढोरा पीटते हैं उनके लिए भी महिला प्रेरणा स्त्रोत बनी जो पानी पिला कर भी अपना परिवार का भरण पोषण कर रही है

बाइट

1 शंकरिया यादव वृद्ध महिला
2 अन्नी लाल चौरसिया व्यापारी
3 मोइन खान व्यापारीConclusion:महिला को जो भी दुकानदार सेवा भाव से पैसे देते हैं उसी से महिला अपना भरण-पोषण करती है
Last Updated : Aug 19, 2019, 12:07 AM IST
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