छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन जिले की सीमाओं के सील होने का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. महाराष्ट्र सीमा से लगे सौंसर के बेरड़ी गांव के सरपंच ने नागपुर से अपनी मां का शव प्रशासन को बिना जानकारी दिए एंबुलेंस से घर लाकर अंतिम संस्कार भी कर दिया. उसके बाद प्रशासन को जानकारी लगी.
पुुलिस ने बताया की बेरडी के सरपंच दिलीप गुरुवे की मां की इलाज के दौरान नागपुर में मौत हो गई थी. फिलहाल नागपुर हॉटस्पॉट शहर है और इसी शहर के सतरंजीपुरा में काफी संख्या में कोरोना मरीज भी हैं, जहां सरपंच के भाई रहते हैं. मां के शव को एंबुलेंस में लाकर अंतिम संस्कार किया गया और करीब 50 लोग शामिल भी हुए, जिसमें नागपुर के भी लोग थे. इसके बाद कहीं जाकर प्रशासन को जानकार मिली.
एंबुलेंस के सहारे बिना जांच बॉर्डर होती है पार
छिंदवाड़ा से अधिकतर लोग नागपुर इलाज के लिए जाते हैं. जिसका फायदा लोग एंबुलेंस को आड़ बनाकर लेते हैं क्योंकि एंबुलेंस में जांच पड़ताल नहीं होती और लोग आसानी से सीमापार कर जाते हैं. इसी का फायदा सरपंच ने भी उठाया और हॉटस्पाट शहर से मां का शव लाया गया.
मोहल्ले को किया नजरबंद, लोगों को होम कॉरेंटाइन
जैसे ही प्रशासन को इसकी भनक लगी, मौके पर पहुंचकर मोहल्ले को नजरबंद किया गया. तो वहीं इस अंतिम यात्रा में शामिल हुए सभी लोगों को होम क्वॉरेंटाइन के लिए कहा गया है.
लापरवाही की तीसरी घटना, प्रशासन लाचार
लॉकडाउन जारी होने के बाद सौंसर में लापरवाही की तीसरी घटना है, जिसमें प्रशासन की लाचारी सामने आई है. इसके पहले जमातियों ने फर्जी तरीके से पास लेकर शहर में आमद दी थी. पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के मजदूरों को सौंसर की फैक्ट्री में काम के लिए अनुमति देना और अब बेधड़क एंबुलेंस से लोगों का आना जाना. जिला प्रशासन महाराष्ट्र सीमा पर सख्त पहरा की बात जरुर कर रहा है, लेकिन लोग आसानी से सीमापार कर रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीमा कितनी सुरक्षित है.