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कर्मकांड करने वाले पंडितों पर कोरोना का कहर, आमदनी शून्य, दाने-दाने को मोहताज - कर्मकांड बंद

कोरोना महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन से सब कुछ बंद है और हर वर्ग परेशान नजर आ रहा है. समाज में एक ऐसा वर्ग है, जिसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है. इसलिए इस वर्ग ने ईटीवी भारत के जरिए सरकार से आर्थिक राहत की मांग की है. सुनिए कर्मकांड करने वाले पंडितों का दर्द....

chhindwara
छिंदवाड़ा
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Published : May 2, 2020, 8:33 PM IST

Updated : May 2, 2020, 9:09 PM IST

छिंदवाड़ा। विश्व के कई देशों में कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस मध्यप्रदेश में भी तबाही मचा रहा है. कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान सरकार ने कई वर्गों को राहत राशि दे है, लेकिन एक ऐसा भी वर्ग है, जिसके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. इसलिए उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से गुहार लगाई है कि सरकार उनकी तरफ भी ध्यान दें.

कर्मकांड करने वाले पंडितों पर कोरोना का कहर

मंदिरों से मिलता है सिर्फ मेहनताना

मंदिरों में पूजा करने वाले कर्मकांडी ब्राह्मणों का कहना है कि वह जिन भी मंदिरों में प्रतिदिन पूजा करते हैं, वहां से उन्हें महज कुछ रुपए का ही मेहनताना मिलता है, जिसके आधार पर उनका परिवार पालन करना मुश्किल है. लॉक डाउन से सारे कर्मकांड बंद हैं. इसलिए आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

chhindwara
सूने पड़े हैं मंदिर

कई पंडितों के घर में नहीं बचा अनाज

लॉक डाउन के दौरान सिर्फ मंदिर बंद नहीं है, बल्कि घरों में होने वाली पूजा पाठ शादी विवाह मांगलिक कार्यक्रम और क्रिया कर्म जैसे सारे काम बंद हैं, जिसके चलते पंडितों की आवक बंद हो गई है. कई तो ऐसे पंडित हैं कि जिनके घर में अब खाने के लिए अनाज भी नहीं है.

chhindwara
कर्मकांडी पंडितों पर कोरोना का कह

भुगत रहे सामान्य वर्ग में होने का खामियाजा

पंडितों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कहने के लिए वह सामान्य वर्ग से आते हैं, इसलिए ना तो कोई सरकार उनकी तरफ ध्यान देती है और ना ही कोई संस्थाएं, जबकि हकीकत में उनकी समाज में भी ऐसे कई लोग हैं, जो दाने-दाने को मोहताज हैं.

chhindwara
लॉकडाउन के चलते मंदिर बंद

सरकार से आर्थिक राहत की गुहार

पंडितों की मांग है कि मंदिरों के पट और कर्मकांड बंद होने की वजह से सिर्फ उनके सामने आर्थिक संकट नहीं हैं, बल्कि अब उनके बच्चों के स्कूल भी खुलेंगे और दूसरे काम भी चालू होंगे, लेकिन आवक का एकमात्र जरिया पूजन पाठ होने की वजह से अब उनके पास किसी तरह की की आम दानी नहीं हो रही है. इसलिए सरकार उनके तरफ भी ध्यान दे और उन्हें राहत पहुंचाएं.

छिंदवाड़ा। विश्व के कई देशों में कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस मध्यप्रदेश में भी तबाही मचा रहा है. कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान सरकार ने कई वर्गों को राहत राशि दे है, लेकिन एक ऐसा भी वर्ग है, जिसके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. इसलिए उन्होंने ईटीवी भारत के माध्यम से गुहार लगाई है कि सरकार उनकी तरफ भी ध्यान दें.

कर्मकांड करने वाले पंडितों पर कोरोना का कहर

मंदिरों से मिलता है सिर्फ मेहनताना

मंदिरों में पूजा करने वाले कर्मकांडी ब्राह्मणों का कहना है कि वह जिन भी मंदिरों में प्रतिदिन पूजा करते हैं, वहां से उन्हें महज कुछ रुपए का ही मेहनताना मिलता है, जिसके आधार पर उनका परिवार पालन करना मुश्किल है. लॉक डाउन से सारे कर्मकांड बंद हैं. इसलिए आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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सूने पड़े हैं मंदिर

कई पंडितों के घर में नहीं बचा अनाज

लॉक डाउन के दौरान सिर्फ मंदिर बंद नहीं है, बल्कि घरों में होने वाली पूजा पाठ शादी विवाह मांगलिक कार्यक्रम और क्रिया कर्म जैसे सारे काम बंद हैं, जिसके चलते पंडितों की आवक बंद हो गई है. कई तो ऐसे पंडित हैं कि जिनके घर में अब खाने के लिए अनाज भी नहीं है.

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कर्मकांडी पंडितों पर कोरोना का कह

भुगत रहे सामान्य वर्ग में होने का खामियाजा

पंडितों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कहने के लिए वह सामान्य वर्ग से आते हैं, इसलिए ना तो कोई सरकार उनकी तरफ ध्यान देती है और ना ही कोई संस्थाएं, जबकि हकीकत में उनकी समाज में भी ऐसे कई लोग हैं, जो दाने-दाने को मोहताज हैं.

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लॉकडाउन के चलते मंदिर बंद

सरकार से आर्थिक राहत की गुहार

पंडितों की मांग है कि मंदिरों के पट और कर्मकांड बंद होने की वजह से सिर्फ उनके सामने आर्थिक संकट नहीं हैं, बल्कि अब उनके बच्चों के स्कूल भी खुलेंगे और दूसरे काम भी चालू होंगे, लेकिन आवक का एकमात्र जरिया पूजन पाठ होने की वजह से अब उनके पास किसी तरह की की आम दानी नहीं हो रही है. इसलिए सरकार उनके तरफ भी ध्यान दे और उन्हें राहत पहुंचाएं.

Last Updated : May 2, 2020, 9:09 PM IST
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