जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ ने बुधवार को छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को निलंबित करने का आदेश जारी किया था. इसके बाद छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा चीफ जस्टिस कोर्ट में मौजूद हुए और उन्होंने कोर्ट के आदेश को पालन न करने पर माफी मांगी. इसके बाद चीफ जस्टिस ने निलंबन का आदेश वापस ले लिया. इसके साथ ही एनएचएआई के अधिकारी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट भी वापस हो गया.
जमीन अधिग्रहण से जुड़ा था मामला : दरअसल, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने छिंदवाड़ा के एक मंदिर की जमीन अधिग्रहण किया था. इस मामले में नेशनल हाइवे ने मंदिर की आधी जमीन का मुआवजा दे दिया था और आधी को जस का तस छोड़ दिया था. इसी मुद्दे को मंदिर की समिति ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने नेशनल हाइवे के अधिकारियों को आदेश दिया था कि मंदिर की बाकी जमीन का भी मुआवजा दिया जाए लेकिन एनएचएआई के अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया.
आदेश का पालन नहीं किया : 28 मार्च को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी किया था कि नेशनल हाईवे के अधिकारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए लेकिन छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक ने कोर्ट में जवाब पेश किया था कि नेशनल हाईवे के अधिकारी का ट्रांसफर आंध्रप्रदेश हो गया है. इसलिए वह उसे पेश नहीं कर सकते. बुधवार को इस मुकदमे की सुनवाई हुई.
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कोर्ट के आदेश की अवहेलना पर सख्ती : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ ने एक कड़ा आदेश देते हुए कहा था कि कोर्ट के आदेश की अवमानना करने के जुर्म में छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को तुरंत निलंबित किया जाए. सामान्य तौर पर न्यायपालिका इतने सख्त आदेश जारी नहीं करती है. इसलिए इस आदेश के बाद पूरे प्रशासनिक महकमे में हलचल मच गई थी. मुख्य न्यायाधीश के आदेश ने यह जाहिर कर दिया है कि यदि अधिकारी कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करेंगे तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी पेश : एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी आंध्र प्रदेश से आकर न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए. एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनिल कुमार ने बिना शर्त माफीनामा पेश किया. युगलपीठ को बताया गया कि उनका स्थानातंरण आंध्र प्रदेश हो गया था. युगलपीठ ने मुआवजा संबंधित आदेश का पालन करने के लिए चार सप्ताह का समय प्रदान किया है.