छिंदवाड़ा। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने किसानों को भी बेहाल कर रखा है. अतिवृष्टी से किसानों को फसलें चौपट होने का डर है. कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि अगर इसी तरह पानी बरसता रहा तो फसलें बर्बाद हो सकता है. बता दे कि नदी-नाले उफान पर होने प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
अधिक बारिश होने के कारण छिंदवाड़ा के किसानों की चिताएं भी गहराने लगी है. कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार पराड़कर ने बताया कि पानी खेतों में भरे रहने के कारण फसल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है. जिन्हें कुछ सामान्य से उपाय कर कुछ हद तक बचाया जा सकता है.
कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार पराड़कर ने बताया की फसल के लिए जितना पानी की जरूरत होती है उतना ही उसे आक्सीजन की भी जरूरत होती है. खेतो मे पानी भर जाने पर खेत से पानी निकालकर पोटेशिमय और जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए. कुओं और खेतो से पानी निकाल देना चाहिए जिससे इलाके का वाटर लेवल मैनेज हो जाएगो इससे काफी हद तक फसलें बचाई जा सकेंगी.