छिदवाड़ा। जिले के चौंसरा और आसपास के गांव में करीब 10 साल पहले अडानी ग्रुप ने पावर प्लांट बनाने के लिए 750 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं होने की वजह से किसानों ने अब जमीन वापस लेने के लिए हल्ला बोल दिया है. विरोध स्वरूप कई किसानों ने अपनी जमीन पर खेती करना शुरू कर दिया है. जिसके बाद मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने किसानों को समझाईश देकर अडानी ग्रुप से बात करने का आश्वासन दिया है.
10 साल पहले अधिग्रहित की गई थी जमीन
करीब 10 साल पहले छिंदवाड़ा के चौसरा जिला में गांव हिवरखेड़ी समेत और कई गांवों की 750 एकड़ जमीन पावर प्लांट बनाने के लिए सरकार की मदद से अधिग्रहण कर अडानी ग्रुप को दी गई थी. अडानी ग्रुप में अपना ऑफिस बनाया और पेंच थर्मल एनर्जी कंपनी की स्थापना भी की. लेकिन सिर्फ दफ्तर ही बना रहा थर्मल प्रोजेक्ट के लिए काम आगे नहीं बढ़ा इसको लेकर बीच में कई बार आंदोलन भी हुए.
नौकरी देने का किया था वादा
किसानों का आरोप है कि उनसे जमीन लेते समय जमीन देने वाले परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का लिखित में वादा किया गया था. लेकिन नौकरी तो दूर की बात काम भी शुरू नहीं हुआ. किसानों का कहना है कि अब वे अपनी जमीन वापस चाहते हैं. उन्हें उम्मीद थी कि थर्मल पावर बनेगा तो इलाके का विकास होगा लेकिन किसानों की जमीन अधिग्रहण कर ली गई और काम भी शुरू नहीं हुआ इसलिए अपनी जमीन वापस चाहते हैं.
अधिग्रहण के समय भी हुआ था विरोध
सालों पहले जब अडानी ग्रुप को जमीन दी जा रही थी तो प्रदेश में बीजेपी सरकार थी और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. उस दौरान भी किसानों ने जमीन देने का विरोध किया था. कई सामाजिक संगठन और किसान नेता भी उनके समर्थन में थे. लेकिन सरकार ने जमीन अधिग्रहण कर अडानी ग्रुप को दी थी.
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अडानी ग्रुप-किसानों के बीच होगी बातचीत
अपनी जमीन को वापस लेने के लिए खेतों पर हल और बैल लेकर पहुंचे किसानों को समझाइश देने पुलिस का अमला एसडीएम की मौजूदगी में गांव पहुंचा. जहां पर एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा है कि मंगलवार को अडानी ग्रुप के प्रतिनिधि और किसानों के बीच बैठकर मामले को सुलझा देंगे. बताया जा रहा है कि सभी किसानों को अधिग्रहण के बाद मुआवजा मिल चुका है.