छिंदवाड़ा। जिले के पांढुर्ना के 30 वार्डों की जनता आजादी के बाद से पानी की समस्या से जूझ रही है. जिसे लेकर ग्रामीणों ने सभी सरकारों और जिला प्रशासन से पानी की समस्या दूर करने के लिए जलाशय बनवाने की गुहार लगाई. लेकिन हालात ये हैं कि सात दशक बीत जाने के बाद भी 30 वार्डों में पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है. जिसे लेकर अब छिंदवाड़ा जिले में राजनीति गरमाई हुई है, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं.
![People of 30 wards of Pandhurna are troubled by water problem](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7433402_302_7433402_1591019082412.png)
दरअसल, पांढुर्ना के 30 वार्डों में पानी की समस्या और जलाशय बनवाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक दुसरे पर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर 15 सालों से कामठीकला जलाशय नहीं बनाने का आरोप लगाया है. तो वहीं भाजपा ने भी जवाब देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने कार्यकाल में पांढुर्ना नगर पालिका को एक भी रुपया नहीं देने की बात कही है.
छिंदवाड़ा रेस्ट हाउस में कांग्रेस नेता विश्वास कॉम्बे, नगर अध्यक्ष योगेश खोड़े ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 30 वार्ड की जनता के स्थाई पेयजल व्यवस्था हेतु पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा 21 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था. ये बात भाजपा नेताओं को मालूम है इसके बावजूद भी पानी पर राजनीति कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा शहर के विकास के लिए करोड़ों की राशि दी गई है. जिसे शायद भाजपा नेता भूल गए हैं. जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2008 में पांढुर्ना में परसाडी जलाशय के निर्माण की घोषणा की थी. जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है.
वहीं नगरपालिका कार्यालय में नगर पालिका उपाध्यक्ष अरुण भोसले, नगर मंडल अध्यक्ष राजू रेवतकर ने कॉन्फ्रेंस कर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में कामठीकला जलाशय की करोड़ों की राशि वापस ली गई और न ही 30 वार्ड के विकास के लिए राशि दी गई है. जिसको लेकर भाजपा में आक्रोश बना हुआ है.