छिंदवाड़ा। जिले में शनिवार को 41 खंडपीठ में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिला न्यायालय में नेशनल लोक अदालत की शुरूआत एडीआर भवन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष बीएस भदौरिया ने किया. जिसके बाद लोक अदालत में जिले के न्यायालय में लंबित सिविल,अपराधिक, मोटर दुर्घटना, धारा 138 अंतर्गत चेक बाउंस, श्रम विभाग, पारिवारिक विवाद, भूमि अधिग्रहण सहित अन्य मामलों के साथ-साथ जलकर और बिजली बिल संबंधी प्रकरणों का निराकरण किया गया.
41 खंडपीठों का गठन
नेशनल लोक अदालत के लिये जिला एवं सेशन न्यायाधीश बीएस भदौरिया द्वारा कुल 41 खंडपीठों का गठन किया गया था. जिसमें 34 न्यायिक खंडपीठ और 7 पुलिस परामर्श केन्द्र की खंडपीठ शामिल थी. लोक अदालत के एक हजार 223 प्रकरणों का निराकरण किया गया. इसमें 4 करोड़ 97 लाख 18 हजार 922 रुपये की समझौता राशि के अवार्ड पारित किया गया, जिससे एक हजार 930 लोग लाभान्वित हुए
विवादविहीन समाज की परिकल्पना पूरी होती है
जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष का कहना है कि पक्षकारों को शीघ्र और सुलभ न्याय दिये जाने के उद्देश्य से लोक अदालत का आयोजन किया गया है. इसके माध्यम से विवादविहीन समाज की परिकल्पना पूरी होती है और पक्षकारों को दीर्घकालीन न्याय प्रक्रिया से निजात मिलती है. उन्होंने कहा कि जिले में आयोजित हो रही नेशनल लोक अदालतों में सभी ने सराहनीय योगदान देते हुए सहयोग किया है. लोक अदालत के साथ ही आगामी नेशनल लोक अदालतों में भी सभी मिलकर सहयोग करें, जिससे राजीनामा करने वाले पक्षकारों को न्याय और लाभ मिल सके. लंबित व प्री-लिटिगेशन प्रकरणों की संख्या भी कम हो सके. लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित आपराधिक शमनीय प्रकरणों के 72 प्रकरणों का निराकरण किया गया. जिससे 174 व्यक्ति लाभान्वित हुए.
- इन मामलों का हुए निराकरण
- चैक बाउंस प्रकरण के 73 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें एक करोड़ 38 लाख 92 हजार 827 रुपये का अवार्ड पारित किया गया. जिससे 132 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- मोटर दुर्घटना के क्षतिपूर्ति दावा के 75 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें एक करोड़ 97 लाख 59 हजार 700 रुपये का अवार्ड पारित किया गया. जिससे 272 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- वैवाहिक विवाद के 92 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 201 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- अन्य सिविल मामले के 47 प्रकरणों का निराकरण किया गया. जिसमें 22 लाख 87 हजार 747 रूपये का अवार्ड पारित किया गया. जिससे 141 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- विद्युत प्रकरण के 9 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 91 हजार 223 रूपये का अवार्ड पारित किया गया. जिससे 10 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- अन्य मामले के 43 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 13 लाख 29 हजार 884 रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिससे 90 व्यक्ति लाभान्वित हुये
- प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों में बैंक वसूली के 117 प्रकरणों का निराकरण
- जिसमें 77 लाख 49 हजार 847 रूपये का अवार्ड पारित किया गया. जिससे 126 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- बीएसएनएल के 28 प्रकरणों का निराकरण किया गया. जिसमें 53 हजार 8 रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिससे 28 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- वैवाहिक विवाद के 28 प्रकरणों का निराकरण किया गया. जिससे 61 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- विद्युत के 394 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 20 लाख 36 हजार 654 रुपये का अवार्ड पारित किया गया. जिससे 394 व्यक्ति लाभान्वित हुये.
- जल कर के 245 प्रकरणों का निराकरण किया गया. जिसमें 7 लाख 18 हजार 32 रुपये का अवार्ड पारित किया गया. जिससे 301 व्यक्ति लाभान्वित हुये.