छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश शासन ने विश्व प्रसिद्ध पातालकोट को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित कर दिया है. जिसके तहत यहां की जड़ी-बूटियां, पशु-पक्षी कीट-पतंगों और वनस्पति के साथ ही वन्य प्राणियों की कई प्रजातियों का संरक्षण किया जाएगा.
मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को पातालकोट में दुर्लभ जड़ी बूटियों का भंडार मिला है. पातालकोट में रहने वाली भारिया जनजाति के लोग इसका उपयोग जानते भी हैं. सरकार इन्हीं की निगरानी में पातालकोट की विरासत को संभालने का प्लान बना रही है. बोर्ड ने छिंदवाड़ा के पूर्व वन मंडल के छिंदी वन परिक्षेत्र के 4305.25 हेक्टेयर और तामिया वन परिक्षेत्र के 4062.24 हेक्टेयर क्षेत्र को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया है.
पातालकोट इलाके में ब्रायोफाइट्स एवं टेरिडोफाइट्स जैसी दुर्लभ वनस्पति और प्राणियों का अनूठा भू-भाग है. यहां भारिया जनजाति के लोग रहते हैं. जिन्हें यहां की जड़ी बूटियों का पारंपरिक ज्ञान है. जो इन जड़ी-बूटियों की सहायता से कई प्रभावशाली और अचूक औषधियां तैयार करते हैं.
मध्यप्रदेश शासन ने पातालकोट के अलावा सतना के नरो हिल्स को भी जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया है. जिसके चलते बोर्ड वन विभाग के सहयोग से इन विरासत स्थलों की प्राकृतिक वनस्पतियों व प्राणियों के संरक्षण के लिए योजना तैयार करेगा.