छिंदवाड़ा। 10 लाख से कम आबादी वाले नगर निगम (Nagar nigam) की स्वच्छता रैंकिंग (Cleanliness ranking) में छिंदवाड़ा नगर निगम (Chhindwara Municipal Corporation) सबसे आगे है, इसके लिए पिछले दिनों भोपाल (Bhopal) में अवार्ड भी मिला है, लेकिन हकीकत में शहर में कितनी सफाई है इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है.
शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार
शहर में गंदगी का आलम ऐसा है कि सफाई मुख्य इलाकों को छोड़कर अन्य वार्डो में दिखाई नहीं देती, आलम तो यह है कि डेंगू (Dengue) ने शहर में कहर बरपा रखा है. इसके बाद भी कई इलाके ऐसे हैं जहां पर नालियों में कई दिनों से गंदा पानी जमा है. नगर निगम सफाई भी नहीं करा रहा है, जिसको लेकर स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है.
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कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने नगर निगम की विफलता और प्रदेश सरकार की कमजोर कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए. उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा जिले में लगातार डेंगू पॉजिटिव मरीज (Dengue positive patient) मिल रहे हैं, वहीं उन्होंने बताया कि सरकारी आंकड़े जो दिए जा रहे हैं वह गलत हैं. बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. वहीं नगर पालिका निगम साफ-सफाई और अन्य चीजें पर ध्यान दे रहा है और ना ही प्रदेश सरकार लगातार सिर्फ कागजों में ही कार्रवाई की जाती है.
स्वच्छता निरीक्षक ने किए साफ-सफाई के दावे
स्वच्छता निरीक्षक अनिल मालवीय ने बताया कि नगर पालिका निगम द्वारा लगातार शहरी क्षेत्रों में कार्रवाई की जा रही है. डेंगू के लार्वा का नर्सरी करण किया जा रहा है.
एमपी में वायरल की दस्तक तो नहीं?
उधर, इस समय ग्वालियर चंबल अंचल (Gwalior Chambal Zone) में बच्चों के लिए दिमागी बुखार (brain fever), वायरल (Viral) और डेंगू (Dengue symptoms) लगातार घातक होता जा रहा है. आज यानी बुधवार सुबह बुखार (Fever) के चलते कमलाराजा अस्पताल (Kamla Raja Hospital) में भर्ती 2 बच्चों ने दम तोड़ दिया. इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को अस्पताल में दिमागी बुखार के चलते दो बच्चों की मौत (Death) हो चुकी है. इससे साफ जाहिर होता है कि स्वास्थ्य व्यवस्थाएं (health system) पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं. हालात यह है कि कमलाराजा के आईसीयू वार्ड (icu Ward) में 3 गुना बच्चे भर्ती है, मतलब एक बेड पर 4 से 5 बच्चे भर्ती हैं.