छिंदवाड़ा। कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन (Corona new variant Omicron) ने एक बार फिर लोगों कि चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस नए वेरिएंट को लेकर देश-दुनिया अलर्ट है. वहीं मध्य प्रदेश में भी सतर्कता बरतने की बात कही जा रही है. कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर ही प्रदेश में स्कूल 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने के निर्देश मध्य प्रदेश सरकार ने दिए है. लेकिन छिंदवाड़ा के सरकारी स्कूल में जो नजारा दिखा, वो कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाता नजर आ रहा है.
ना मास्क, ना सोशल डिस्टेंसिंग (No Mask-No social Distancing)
संक्रमण के बढ़ते केस और नए वेरिएंट की आहट के बीच मध्य प्रदेश में स्कूल 50% क्षमता के साथ खोलने के निर्देश है. लेकिन स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है. परंतु छिंदवाड़ा के सरकारी स्कूलों में इसका पालन होता नहीं दिख रहा. शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नोनिया करबल के स्कूल में बच्चे मैदान में खेलते नजर आए. इस दौरान ना तो अधिकांश बच्चों ने मास्क लगाया था, ना ही उनके बीच सोशल डिस्टेंस था. यहां तक की स्कूल के कई शिक्षकों ने भी मास्क नहीं लगाए हुए थे. शासकीय नवीन जवाहर बालक उच्चतर माध्यमिक शाला में भी छोटे बच्चे शिक्षक के पास अपनी कॉपी चेक करते नजर आए, लेकिन ना ही शिक्षक के चेहरे पर मास्क दिखा, ना ही बच्चों ने मास्क लगाया था.
स्कूल में परीक्षा जारी (Examination in MP School)
शासकीय और प्राइवेट स्कूलों में लापरवाही का आलम नजर आ रहा है. इधर शासकीय स्कूलों में कक्षा 9 से कक्षा बारहवीं तक अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो गई है, वहीं परीक्षा देने के लिए 100% स्टूडेंट पहुंच रहे हैं.
क्या चाहते हैं अभिभावक?
इधर अभिभावकों का कहना है कि कोरोना नए वेलियंट संक्रमण को देखते हुए वह बच्चों की सुरक्षा चाहते हैं बच्चे घर से मास्क लगाकर आते हैं पर वह स्कूल में मास्क लगा रहे हैं या नहीं इसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की होना चाहिए ,उन्हें देखना चाहिए कि बच्चा जब खाना खाता है तो उनके बीच सोशल डिस्टेंस रहे. वहीं संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए उन्होंने कहा कि आगे वह देखेंगे कि बच्चों को स्कूल भेजना है या नहीं.