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पांढुर्णा का न्यू बॉर्न केयर यूनिट अब तक 437 शिशुओं को दे चुका है 'जीवनदान'

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Published : Sep 15, 2019, 7:30 PM IST

छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा सरकारी अस्पताल के न्यू बॉर्न केयर यूनिट में कमजोर नवजात शिशुओं को जीवनदान मिलता है. नवजात शिशुओं को वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थिर किया जाता है, ताकि उनकी जान बचाई जा सके.

न्यू बॉर्न केयर यूनिट में कमजोर नवजात शिशुओं को मिलता है जीवनदान

छिंदवाड़ा। जिले के पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में जन्मे कमजोर नवजात शिशुओं की सेहत सुधारने के लिए न्यू बॉर्न केयर यूनिट में रखा जाता है. पिछले डेढ़ साल में 437 नवजात शिशुओं को न्यू बॉर्न केयर यूनिट के जरिए 'जीवनदान' मिल चुका है.
पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में न्यू बॉर्न केयर यूनिट बनने से नवजातों को नागपुर या छिंदवाडा रेफर नहीं किया जाता, बल्कि नवजात शिशुओं का इलाज कर उन्हें वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थिर किया जाता है. पांढुर्णा विकास खंड में कुल 4 डिलीवरी सेंटर बनाये गए हैं.

न्यू बॉर्न केयर यूनिट में कमजोर नवजात शिशुओं को मिलता है जीवनदान

चार वार्मर मशीन-फोटो थेरेपी मशीन से मिलती है राहत
न्यू बॉर्न केयर यूनिट प्रभारी तारा पोकले ने बताया कि पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में कुल चार वार्मर मशीन और एक फोटो थेरेपी मशीन उपलब्ध है, जिसमें कमजोर और जन्मजात विकृति वाले नवजातों को रखा जाता है, ताकि उनके शरीर का तापमान स्थिर हो सके.

नवजात मृत्यु दर कम करने न्यू बॉर्न यूनिट बना सहारा
इस मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मिलिंद गजभिये ने बताया कि मध्यप्रदेश में कुल 61 यूनिट संचालित हो रहे हैं. इस यूनिट का मुख्य उद्देश्य नवजात मृत्यु दर को कम करना है और हर कमजोर नवजात को स्वास्थ्य सेवाएं देना है. उन्होंने बताया कि ऐसे नवजात जिनका वजन कम हो, जो जन्म होते ही रोया नहीं हो, ऐसा नवजात जिसको पीलिया हुआ हो, नवजात जिसकी माता को शुगर की बीमारी हो, जिसके फेफड़ों में दूषित पानी भरा हो, ऐसे नवजात शिशुओं को इस वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थिर किया जाता है.

छिंदवाड़ा। जिले के पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में जन्मे कमजोर नवजात शिशुओं की सेहत सुधारने के लिए न्यू बॉर्न केयर यूनिट में रखा जाता है. पिछले डेढ़ साल में 437 नवजात शिशुओं को न्यू बॉर्न केयर यूनिट के जरिए 'जीवनदान' मिल चुका है.
पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में न्यू बॉर्न केयर यूनिट बनने से नवजातों को नागपुर या छिंदवाडा रेफर नहीं किया जाता, बल्कि नवजात शिशुओं का इलाज कर उन्हें वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थिर किया जाता है. पांढुर्णा विकास खंड में कुल 4 डिलीवरी सेंटर बनाये गए हैं.

न्यू बॉर्न केयर यूनिट में कमजोर नवजात शिशुओं को मिलता है जीवनदान

चार वार्मर मशीन-फोटो थेरेपी मशीन से मिलती है राहत
न्यू बॉर्न केयर यूनिट प्रभारी तारा पोकले ने बताया कि पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में कुल चार वार्मर मशीन और एक फोटो थेरेपी मशीन उपलब्ध है, जिसमें कमजोर और जन्मजात विकृति वाले नवजातों को रखा जाता है, ताकि उनके शरीर का तापमान स्थिर हो सके.

नवजात मृत्यु दर कम करने न्यू बॉर्न यूनिट बना सहारा
इस मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मिलिंद गजभिये ने बताया कि मध्यप्रदेश में कुल 61 यूनिट संचालित हो रहे हैं. इस यूनिट का मुख्य उद्देश्य नवजात मृत्यु दर को कम करना है और हर कमजोर नवजात को स्वास्थ्य सेवाएं देना है. उन्होंने बताया कि ऐसे नवजात जिनका वजन कम हो, जो जन्म होते ही रोया नहीं हो, ऐसा नवजात जिसको पीलिया हुआ हो, नवजात जिसकी माता को शुगर की बीमारी हो, जिसके फेफड़ों में दूषित पानी भरा हो, ऐसे नवजात शिशुओं को इस वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थिर किया जाता है.

Intro:
न्यू बोर्न यूनिट : 437 नवजात को मिला ' जीवनदान '...



पांढुर्णा :-

छिंदवाडा जिले के पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में जन्मे कमजोर नवजात शिशुओं की सेहत में न्यू बोर्न केअर यूनिट राहत पहुचा रही हैं जब etv भारत ने अस्पताल में जन्मे शिशुओं की रिपोर्ट की जानकारी हासिल की तो पता चला कि इन देड साल में 437 नवजात शिशुओं को न्यू बोर्न केयर यूनिट से " जीवनदान " मिला जिससे इन नवजातों को नागपुर या छिंदवाडा रेफर नही किया जा रहा हैं बल्कि इन नवजात शिशुओं को पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में इलाज कर उन्हें वार्मर मशीन में रखकर उनके शरीर का तापमान स्थित किया गया
दरअसल इस यूनिट में डॉक्टर मिलिंद गजभिये और दो नर्स को तैनात की गई हैं Body:
3 डिलेवरी सेंटर से पांढुर्णा अस्पताल पहुचते हैं नवजात :-

मिली जानकारी के मुताबिक विकासखंड में कुल 4 डिलेवरी सेंटर बनाये गए है जिनमे 3 सेंटर ग्रामीण क्षेत्र के हैं जो नंदनवाडी अस्पताल , सिवनी अस्पताल , तिगांव अस्पताल से पांढुर्णा अस्पताल में जच्चा बच्चा को लाया जाता हैं यदि उनमें कमजोर नवजात नजर आता हैं तो उनकी सेहत पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं
Conclusion:
4 वार्मर मशीन और फोटो थैरेपी मशीन से मिलती हैं राहत :-

न्यू बोर्न यूनिट सेंटर प्रभारी तारा पोकले ने बताया कि पांढुर्णा सरकारी अस्पताल में कुल 4 वार्मर मशीन और एक फोटो थैरेपी मशीन उपलब्ध हैं जिसमे कमजोर और जन्मजात विकृति वाले नवजात को रखा जाता हैं ता की उनके शरीर का तापमान स्थिर हो सके

नवजात मृत्यु दर कम करने न्यू बोर्न यूनिट बना सहारा :-

इस मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ मिलिंद गजभिये ने बताया की मप्र में कुल 61 यूनिट संचालित हो रहे है जिनमे से पांढुर्णा यूनिट भी शामिल है इस यूनिट का मुख्य उद्देश्य नवजात मृत्यु दर की कमी को कम करना है और हर कमजोर नवजात को स्वास्थ सेवा मिल सके उन्होंने बताया कि ऐसे नवजात जिनका वजन कम रहना , जन्म होते ही रोया नही , ऐसा नवजात जिसको पीलिया हुआ हो ,ऐसा नवजात जिसकी माता को शुगर की बीमारी हो , नवजात के फेफड़ो में दूषित पानी भर जाना , ऐसा नवजात जिसके जन्मजात से ही विकृति रहना ऐसे नवजात शिशुओं को इस वार्मर मशीन में रखकर उसके शरीर का तापमान स्थित किया जाता है ता की उस्की जान बच सके

1 अप्रैल 2018 से 15 सितंबर 2019 तक शिशुओं भर्ती संख्या :-
माह वर्ष नवजात भर्ती रेफर
अप्रैल 2018 14 0
मई। 2018 32 10
जून। 2018 17 3
जुलाई 2018 23 7
अगस्त। 2018 29 7
सितंबर। 2018 28 6
अवटुम्बर 2018 24 6
नवंबर। 2018 17 2
दिसंबर। 2018 24 3
जनवरी। 2019 20 10
फरवरी। 2019 24 5
मार्च। 2019 29 8
अप्रैल। 2019 22 5
मई। 2019 26 6
जून। 2019 29 7
जुलै। 2019 30 8
अगस्त। 2019 32 14
सितंबर। 2019 17 4


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डॉ मिलिंद गजभिये
शिशु रोग विशेषज्ञ पांढुर्णा
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