छिंदवाड़ा। जिले में कोरोना संक्रमण से भयानक स्थिति है. लगातार मौतों के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं. इन सबके बीच जिला अस्पताल में लापरवाही भी सामने आ रही है. मृतकों के परिजनों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सिविल सर्जन का दफ्तर घेरा और शव वाहन में पथराव के साथ ही तहसीलदार को चप्पले भी दिखाई.
- मृतक के शरीर के साथ छेड़छाड़ का आरोप
शिव नगर कॉलोनी के रहने वाले एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई थी. जिससे कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था. इसी दौरान परिजन ने शव से निकलती खून को देखकर बौखला गए. उन्होंने कहा कि मृतक की नाक से खून निकल रहा है इसका मतलब यह है कि कहीं उसकी बॉडी से कोई अंग तो नहीं निकाल दिए गए. इसको लेकर उन्होंने सिविल सर्जन का कार्यालय घेरा और शव वाहन में पथराव भी किया.
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- 6 घंटे तक नहीं मिली दंपत्ति की बॉडी
वहीं दूसरे मामले में 7 अप्रैल को एक बुजुर्ग साहू दंपत्ति भी कोरोना के चलते एडमिट हुए थे. 8 अप्रैल को रात में महिला की मौत हुई और 9 अप्रैल को सुबह उनके पति की भी मौत हो गई. परिजन जब अस्पताल बॉडी लेने पहुंचे तो मरचुरी कक्ष में बॉडी नहीं थी. बौखलाए परिजनों ने हंगामा मचाया. मौके पर पहुंचे एसडीएम ने जब प्रबंधन से इसकी जानकारी ली तो पता चला कि जिस कमरे में एडमिट थे वहीं उनकी लाश पड़ी रही. आखिरकार 8 घंटे के बाद कमरे से लाशें उठाई गई.
- तहसीलदार दिखाई चप्पल
मृतक की दो बेटियां अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हो बिलखती रही. उन्होंने कहा कि उनके पिता को पानी की जरूरत थी. रात भर पानी के लिए चीखते रहे, लेकिन किसी ने उन्हें पानी नहीं दिया. आखिरकार प्रबंधन की लापरवाही के चलते उनकी मौत हो गई. बेटियों ने गुस्से में तहसीलदार को मारने के लिए चप्पल भी उठाई.