छिंदवाड़ा। जो छिंदवाड़ा जिला विकास के मॉडल को लेकर पूरे मध्य प्रदेश की राजनीति का केंद्र बिंदु बना हुआ है. वहां की एक तस्वीर छिंदवाड़ा के विकास को आईना दिखाने के लिए काफी है. दरअसल जुन्नारदेव में एक महिला को अपने पति के इलाज के लिए एंबुलेंस तक नसीब नहीं हो पाई, तो आखिरकार महिला ने अपने पति का इलाज कराने के लिए उसे हाथ ठेले में डालकर अस्पताल तक ले गई.
फोन लगाने के बाद भी नहीं आया एंबुलेंस: जिले के जुन्नारदेव क्षेत्र से एक शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. जहां पर एक बुजुर्ग महिला अपने बीमार पति को हाथ ठेले में लिटाकर अस्तपाल ले जाते हुए नजर आ रही ही है. सरकार प्रशासन लाख दावे कर अपनी पीठ थपथपाए, लेक़िन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. दरअसल यह पूरा मामला जुन्नारदेव का है. जहां एक मजदूर हेमन्त नागवंशी का पैर काम करते वक्त कट गया था. इलाज के लिए जब एंबुलेंस को फोन लगाया गया, तो एंबुलेंस नहीं आई. जिसके बाद पत्नी पति को हाथ ठेले पर लेकर अस्पताल पहुंची.
करीब 3 किमी हाथ ठेले में पति को ले गई महिला: महिला गीता नागवंशी ने बताया की कई बार "एंबुलेंस 108 पर कॉल करने के बाद भी जब सुविधा नहीं मिली, तो मजबूरन अपने पति को हाथ ठेले में लिटाकर अस्पताल पहुंचाया. बता दें करीब 3 किलोमीटर तक महिला हाथ ठेला चलाकर पति को जुन्नारदेव अस्पताल लेकर पहुंची. हद तो तब हो गई, जब वहां पर भी उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाया. घंटे भर बाद डॉक्टर इलाज करने पहुंचे. वहीं इस मामल में छिंदवाड़ा सीएमएचओ डॉक्टर जीसी चौरसिया ने बताया कि "एंबुलेंस को कॉल किया गया था, लेकिन एंबुलेंस उस समय दूसरे मरीज को अटेंड करने गई थी. कुछ समय लगा था, इतनी देर में ही महिला अपने पति को लेकर हाथ ठेले में पहुंच गई. हालांकि बाद में एंबुलेंस पहुंचाई गई थी.