छिंदवाड़ा। जिले में राजन, सिराठा, बेचिया, टेमनी, सिवनी, रजाड़ीखप, हिवरा सेनाडवार आदि गांवों के किसान हर साल टमाटर की फसल लगाते हैं. इस साल भी करीब दो सौ हेक्टेयर में टमाटर की फसल लगी है पर मौसम के चलते टमाटर पर पड़े फंगस रोग ने इसके उत्पादन को प्रभावित किया है. उत्पादन कम होने से एकाएक बाजारों में टमाटर की मांग तेज हो गई है. किसान दिलीप पराडकर, शंकरराव आगरे आदि किसानों ने बताया कि लोकल मार्केट के अलावा सौसर, सावनेर और नागपुर तक टमाटर भेजे जाते हैं.
लागत निकालना हो रहा मुश्किल : टमाटर उत्पादक किसान वामनराव डोबले, पंचम पवार, भोजराज डोंगरे ने बताया कि डिमांड तेज होने से बाजार में टमाटर के रेट तो अच्छे हैं पर खेतों में टमाटर का उत्पादन नहीं होने से किसानों को एक-दो कैरेट में ही संतुष्ट होना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि ज्यादा उत्पादन तो रेट कम और अब उत्पादन कम होने के कारण डिमांड बढ़ने से टमाटर को एक हजार रुपए प्रति कैरेट तक के रेट मिलने से भी लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. कोरोना काल के दौरान भी ब्लैक फंगस जैसे कई फंगस वाली बीमारी एक्टिव हो गई थी. इसको लेकर सब्जियों खाने में भी लोगों को डर लगता था. एक बार फिर सब्जियों में फंगस का असर दिखाई दे रहा है.
सब्जियों को गर्म पानी में धोएं : टमाटर में फंगस को लेकर कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मौसम के बदलाव के कारण सब्जी की फसल में कई बार ऐसे फंगस की बीमारी सामने आती है. वहीं जनरल फिजिशियन डॉ. बसंत शर्मा ने बताया है कि सब्जियों में भी लगने वाली बीमारी आमतौर पर सीधे मनुष्य के शरीर में असर करती है लेकिन अगर सब्जियों को पकाने से पहले गर्म पानी में धोया जाए तो बीमारियां असर कम करती है.
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क्या है झुलसा रोग : टमाटर की फसल में आए झुलसा रोग से निपटने के लिए क्षेत्र के किसान रासायनिक दवाइयां फंगीसाइड के अलावा जैविक तरीके ने अपना रहे हैं. रोग के कारण मुख्य पौधे से लेकर फलों पर भी प्रभाव पड़ रहा है. रोग के कारण टमाटर के पौधों की कलियां और डंठल खराब हो रहे हैं और पतियों पर गोल व गहरे भूरे रंग के बच्चे नजर आ रहे है. रोग का असर अधिक होने से पौधे सूखकर मरने की स्थिति बन रही है. पौधों पर फल रहे टमाटरों पर भी काले धब्बे हो रहे हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉ. विजय पराडकर ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण जमीन में नमी बढ़ गई है. आक्सीजन की कमी से पौधे कमजोर हो जाते हैं. इसी वजह से फंगस का खतरा बढ़ता है. Fungus in tomatoes, Excessive rain in MP, Tomatoes prices doubled, Decrease arrivals markets