छिंदवाड़ा। प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील वितरित किया जाता था, ताकि बच्चों को पोषण के साथ-साथ स्कूल आने में रुचि रहे, लेकिन कोरोना काल के चलते स्कूल पूरी तरह से बंद हैं. इसलिए सरकार ने बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे मील को अनाज के रूप में उनके घर पहुंचाने की योजना बनाई है.
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अनाज के साथ सब्जी और मसालों की भी राशि निर्धारित
मिड डे मील के लिए सरकार ने प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के लिए प्रतिदिन 100 ग्राम गेहूं और सप्ताह में गुरुवार के दिन के लिए 100 ग्राम चावल की मात्रा निर्धारित की है. इसके साथ ही सब्जी मसाले और तेल के लिए नगद राशि बच्चों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है. शिक्षकों ने बताया कि आवंटित अनाज लगातार सरकारी दुकानों में पहुंच रहा है, जिसका हर 2 महीने में वितरण किया जाता है.
जुलाई महीने तक का अनाज आ चुका है
सरकारी राशन दुकान के सहायक प्रबंधक जगन्नाथ साहू ने बताया कि मिड डे मील के लिए आने वाला अनाज उन्हें निरंतर मिल रहा है. हर 2 महीने में एक बार आवंटन आता है. अभी तक जुलाई महीने तक का अनाज आ चुका है, जिसे स्व सहायता समूह को दिया जा चुका है.
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मिड डे मील के लिए सरकारी राशन दुकानों में अनाज पहुंचता है और फिर वहां से स्व सहायता समूह के जरिए भोजन बनाकर स्कूली बच्चों को दिया जाता था, लेकिन अब स्व सहायता समूह शिक्षकों के माध्यम से बच्चों के घरों में पहुंचाकर निर्धारित मात्रा में आनाज वितरित कर रहा है.