छिंदवाड़ा। एमपी में बंपर वोटिंग के बाद अब सबकी निगाहें 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना पर है.उससे भी ज्यादा इस बार सबसे ज्यादा चर्चा है कि आखिर किसकी सरकार बनेगी. पार्टियां तो हर बार अपनी ही सरकार बनने का दावा करती हैं लेकिन राजनीतिक लोगों के साथ आम लोगों की भी दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं.खैर परिणामों के लिए अभी वक्त है तब तक जानते हैं कि छिंदवाड़ा जिले से कौन सीएम और कौन मिनिस्टर किस किस की सरकार में रहा अब तक.
2018 में छिंदवाड़ा विधानसभा से बने पहले सीएम: छिंदवाड़ा जिले से अब तक एक मुख्यमंत्री और 18 मंत्री मध्य प्रदेश की अलग-अलग सरकार में रह चुके हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा विधानसभा से कमलनाथ मुख्यमंत्री बन चुके हैं. एक बार फिर कांग्रेसी प्रदेश में अपनी सरकार के साथ कमलनाथ का मुख्यमंत्री बनना तय मान रहे हैं. वहीं भाजपा भी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रही है. प्रत्याशी सरकार बनने पर मंत्री बनने की उम्मीदें बांध रहे हैं. खासतौर पर आदिवासी सीट पांढुर्ना और अमरवाड़ा से इस तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं.
दिग्गी सरकार में थे जिले से तीन मंत्री: वर्ष 1998 में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा तीन मंत्री छिंदवाड़ा जिले से शामिल किए गए थे. अमरवाड़ा विधायक प्रेमनारायण ठाकुर, छिन्दवाड़ा से दीपक सक्सेना और जुन्नारदेव से तेजीलाल सरेयाम मंत्रिमंडल में शामिल किए गए थे. इसके अलावा निगम मंडलों में भी यहां के नेताओं को स्थान दिया गया था.
भाजपा ने अब तक जिले से दिए सिर्फ 2 मंत्री: प्रदेश में बीजेपी से अब तक कैलाश जोशी, वीरेंद्र कुमार सखलेचा, सुंदरलाल पटवा, उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकारें रहीं. जिसमें छिंदवाड़ा जिले से चौधरी चंद्रभान सिंह दो बार और एक बार नानाभाऊ मोहोड़ राज्यमंत्री रहे. 2013 में जिले से 4 विधायक होने के बाद भी सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया था.
परिसीमन में समाप्त हो चुकी दमुआ सीट से भी रहे मंत्री: साल 2008 में हुए परिसीमन में दमुआ विधानसभा क्षेत्र को समाप्त कर जुन्नारदेव में मर्ज कर दिया गया है. दमुआ विधानसभा साल 1962 से अस्तित्व में आई थी. 2003 तक यहां से विधायक चुने गए. दमुआ से विधायक रहे परसराम धुर्वे और अनुसुइया उइके को मंत्री बनने का मौका मिला. परसराम वन राज्य मंत्री रहे जबकि अनुसुइया को महिला एवं बाल विकास विभाग में उपमंत्री बनाया गया था.
परासिया विधानसभा से नहीं बना अब तक एक भी मंत्री: प्रदेश मंत्रिमंडल में अब तक जिले के सौंसर से 3, पांढुर्ना से 3, दमुआ से 2, अमरवाड़ा से 2, छिंदवाड़ा से 5, जुन्नारदेव से 2 और चौरई से 1 बार विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान मिल चुका है. अकेले परासिया विधानसभा को मौका नहीं मिल पाया है. वर्ष 1951 से परासिया विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में है. तब से लेकर अब तक परासिया से 15 विधायक चुने जा चुके हैं.
ये भी पढ़ें: |
अब तक छिंदवाड़ा जिले से कौन-कौन रहे मंत्री:
- छिंदवाड़ा विधानसभा: अर्जुनसिंह की सरकार में छिंदवाड़ा विधानसभा से विजय पाटनी ऊर्जा मंत्री बनाए गए थे. बाद में दिग्गी सरकार में दीपक सक्सेना दो बार पीएचई मंत्री रहे. चौधरी चंद्रभान सिंह पटवा सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे. फिर 2003 में उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार में भी बड़े विभागों के साथ कैबिनेट मंत्री रहे.
- सौंसर विधानसभा: सौंसर विधानसभा से रेवनाथ चौरे दो बार मंत्री रहे.पीएचई, स्वास्थ्य, पंचायत, जेल और ग्रामीण विकास विभाग उनके पास रहे. साल 2008 में नानाभाऊ मोहोड़ स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री रहे.
- पांढुर्ना विधानसभा: पांढुर्ना विधानसभा से माधवलाल दुबे वर्ष 1967,72 और 77 में 3 बार मंत्री रहे. जिले से वे अकेले विधायक रहे जिन्हें 3 बार मंत्री बनने का मौका मिला.
- चौरई विधानसभा: चौरई विधानसभा से 3 बार विधायक रहे बैजनाथ सक्सेना श्यामाचरण शुक्ल सरकार में पीएचई मंत्री रहे.
- जुन्नारदेव विधानसभा: जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे तेजीलाल सरेयाम दिग्गी सरकार में दो बार मंत्री रहे.
- अमरवाड़ा विधानसभा: अमरवाड़ा विधानसभा से प्रेमनारायण ठाकुर दिग्गी सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहे. स्वास्थ्य, परिवहन और पीएचई विभाग के मंत्री रहे.
- दमुआ विधानसभा: दमुआ विधानसभा से परसराम धुर्वे वन राज्य मंत्री रहे. वहीं वर्तमान में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया महिला एवं बाल विकास विभाग की उपमंत्री रहीं. हालांकि 2008 के परिसीमन के बाद दमुआ विधानसभा को समाप्त कर दिया गया.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों के अपने-अपने जीत के दावे हैं. लेकिन कांग्रेस के दावों पर यकीन करें तो यह दूसरा मौका होगा जब छिंदवाड़ा से मुख्यमंत्री चुना जाएगा. बहरहाल 3 दिसंबर को मतगणना से जीत-हार तय होने के साथ ही स्पष्ट हो जाएगा कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी.