छिंदवाड़ा। जिले में तेजी से गिर रहे भूजल स्तर और पिछले सालों में बने जल संकट के हालातों को देखते हुए पीएचई विभाग ने जिले के करीब 86 गांवों को चिह्नित किया है. इसमें छिंदवाड़ा डिविजन में 70 गांवों में जल स्त्रोत सूखने की वजह से वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है. वहीं परासिया डिविजन में संभावित जल संकट और 16 गावों के हालातों को देखते हुए कार्ययोजना बनाई है. हालांकि जल जीवन मिशन, माचागोरा जल प्रदाय योजना, मोहगांव जलाशय से बन रही पेयजल प्रदाय योजना स्थाई हल साबित होगी.
कुछ जल स्तोत्र सूख जाते हैं : पीएचई अधिकारियों का कहना है कि कार्ययोजना तैयार की गई. छिंदवाड़ा डिविजन की प्रभारी ईई मनोज बघेल ने बताया कि पिछले सालों के हालातों को देखते हुए हमारे डिविजन में जल संकट के हालात न के बराबर हैं. एक-दो गांवों में ही हालात बिगड़ सकते हैं. हालांकि संचालित योजनाओं में जल स्तोत्र बंद होने की स्थिति की देखते हुए कार्य योजना बनाई गई है वहीं परासिया डिविजन के प्रभारी ईई बीएल ऊइके का कहना है संभावित हालातों को लेकर करीब 16 गांव चिह्नित किए गए हैं. इसके अलावा करीब 50 स्थानों पर पेयजल सप्लाई प्रभावित होने की संभावनाओं को देखते हुए कार्ययोजना बनाई है.
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छिंदवाड़ा डिविजन में 70 गांव चिह्नित : छिंदवाड़ा डिविजन में 70 गांव चिह्नित किए गए हैं, जिनमें छिंदवाड़ा में 15 मोहखेड़ में 16 चौरई में 11 बिछुआ में 5 सौंसर में 10 पांढुर्ना में 13 गाँव पानी की समस्या से जूझ सकते हैं. इनसे निपटने के लिए विभाग ने करीब छह करोड़ 36 लाख रुपए की लागत से 6 नए नलकूप खनन 12 सिंगल फेस की मोटर की स्थापना 6 कुओं में आड़े तिरछी बोर करने की प्लानिंग और निजी नलकूपों को अधिग्रहण करने की योजना बनाई है. वहीं परासिया डिविजन में 16गांव चिह्नित किये गए हैं, जिसमें तामिया में 4 हर्रई में 4 अमरवाड़ा में 5 आजा माही में 4 गांव चिह्नित किए गए हैं. परासिया डिविजन में 335 हैंडपपों में राइजर पाइप बढ़ाने की जरूरत है. 125 नए हैंडपप खनन की जरूरत है. 70 हैंडपंपों में सिंगल फेस मोटर की जरूरत है तो वहीं 85 नलकूपों की सफाई की जरूरत है, जिसमें करीब 2 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत आएगी.