छिंदवाड़ा। जिले में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने एक बार फिर किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. खेतों में लगी सब्जी की खेती बर्बाद हो गई है. जिसकी वजह से किसानों को लागत मूल्य निकलना भी मुश्किल हो रहा है. किसानों की उम्मीदों पर आफत बनकर बरसे आसमानी ओलों ने किसान को भी रुला दिया है. कुंडाली खुर्द के रहने वाले युवा किसान रघुवीर चंद्रवंशी ने बताया कि 1 एकड़ जमीन में सब्जी की फसल लगाने में करीब 1 लाख से ज्यादा की लागत आती है अचानक हुई बेमौसम ओलावृष्टि खेतों में लगी करेले और तोरई की फसल सहित टमाटर और मिर्च की फसल बर्बाद हो गई है.
फसल चौपट: ओलावृष्टि और तूफान से फसल हो चौपट गई है. बेमौसम बारिश और भयानक तूफान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खेतों में लगी फसल पूरी तरीके से जमींदोज हो गई है. किसान का कहना है कि जब वे खेत पहुंचे तो उनको फसल देखकर रोना आ गया. किसान का कहना है कि फायदे की उम्मीद से फसल लगाए थे लेकिन अब तो लागत मूल्य निकलना भी मुश्किल हो गया है.
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सब्जी की फसल में मुआवजे का प्रावधान नहीं: किसानों का कहना है कि अनाज की फसल लगाने प्राकृतिक आपदा के बाद सरकार से मुआवजे का प्रावधान है कुछ मुआवजा मिल भी जाता है लेकिन सब्जी की फसल लगाने वाले किसानों के लिए मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है. अगर उन्हें प्राकृतिक आपदा से बचना हैं तो उसके लिए अलग से बीमा कराना होता है उन्होंने कहा है कि सरकार सब्जी की फसल उगाने वाले किसानों के लिए भी कोई नीति बनाएं.