छिंदवाड़ा. जिले में एक तरफ जहां कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है वहीं, दूसरी तरफ इसके ईलाज के लिए सरकारी या निजी अस्पतालों में लोगों को मरीज के लिए बेड नहीं मिल रहे हैं. अस्पतालों में सबसे बड़ी दिक्कत ऑक्सीजन की कमी की है. गंभीर हालात में ईलाजरत मरीजोंं के लिए ऑक्सीजन की कमी बड़ी समस्या बनती जा रही है.ऑक्सीजन की खपत बढ़ने की वजह से जिले में ऑक्सीजन का टोटा है. मरीजों की जरूरत को देखते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने के लिए लोगों को घंटों ऑक्सीजन प्लांट के बाहर कतार में खड़ा होने पड़ रहा है.
- ऑक्सीजन के लिए दिनभर लाइन में खड़े होते हैं लोग
ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल कराने के लिए छिंदवाड़ा के बैतूल बाईपास स्थित प्लांट के बाहर लोग दिनभर कतार में खड़े रह रहे हैं. यहां रोजाना करीब 200 से अधिक लोग खाली सिलेंडर रिफिल कराने पहुंच रहे हैं। दरअसल, छिंदवाड़ा में अधिकतर लोग होम आइसोलेटेड हैं जिनको घर में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ रही हैं, जिले में ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा है।
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- जिला अस्पताल में ऑक्सीजन पर्याप्त लेकिन कई वार्डों में सेंट्रल लाइन नहीं
जिला अस्पताल में अभी पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है. लेकिन कई वार्डों में सेंट्रल लाइन नहीं होने के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कत हो रही है. हालांकि जिन बेडों पर ऑक्सीजन पॉइंट नहीं है वहां सिलेंडर के जरिए ऑक्सीजन दी जा रही है. सिलेंडर खाली होने पर दोबारा रिफिल कराने के लिए कई मरीजों के परिजन स्वयं सरकारी सिलेंडर लेकर प्लांट पहुंच रहे हैं.