ETV Bharat / state

कृषि वैज्ञानिक ने की ईटीवी भारत से बातचीत, कहा- जैविक आपदा है टिड्डी दल का हमला - chhindwara news

कोरोना वायरस के साथ ही टिड्डी दल का आतंक भी मध्यप्रदेश में जारी है. राजस्थान से आए टिड्डी दल ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहा है. हालांकि छिंदवाड़ा में कृषि विभाग और प्रशासन की सतर्कता से यहां टिड्डी दल के आने के साथ ही उन्हें भगा दिया गया.

Locust team increased farmers' problems
टिड्डी दल ने बढ़ी किसानों की परेशानी
author img

By

Published : Jun 1, 2020, 12:20 AM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना काल में टिड्डी दल मध्यप्रदेश में आतंक मचा रहा है. इस महामारी में किसान पहले से ही परेशान हैं, ऊपर से इस आसमानी आतंक ने किसानों का बुरा हाल कर दिया है. राजस्थान से आए टिड्डी दल ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है. जिले की महाराष्ट्र सीमा से लगे पांढुर्णा और सौंसर में टिड्डी दल ने दस्तक दी है. जिसके बाद कृषि विभाग ने टिड्डी दल से बचाव और इनको भगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. टिड्डी दल को भगाने और इन से बचाने के लिए किसानों को क्या उपाय करना चाहिए इस पर ईटीवी भारत से बातचीत की कृषि वैज्ञानिक विजय पराड़कर ने.

टिड्डी दल ने बढ़ी किसानों की परेशानी

जवाहरलाल नेहरू कृषि विज्ञान केंद्र के डायरेक्टर और वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक विजय पाटकर का कहना है कि लॉकडाउन में किसानों के लिए आफत बनकर आया टिड्डी दल, जो कि एक प्रकार की जैविक आपदा है. उनका कहना है कि टिड्डी दल फिलहाल पांढुर्णा विकासखंड के उमरी कला क्षेत्र में पहुंचा है, जो हिवराप्रथ्वीराम, खापरखेड़ा लाघा, टेमनी, साहनी से राजना होते हुए पहुंचा था. विजय पाटकर का कहना है टिड्डी दल के आने की कृषि विभाग को पहले से ही जानकारी थी. इसलिए विभाग और प्रशासन ने करीब एक सप्ताह पहले ही टिड्डी दल के आक्रमण को रोकने और उनसे बचने के लिए गांव-गांव में किसानों को सचेत किया गया था.

विजय पराड़कर ने बताया कि किसानों को टिड्डी दल के आने के पहले ही किसानों के आगाह कर दिया गया था. जानकारी होने से टिड्डी दल के आने पर किसानों जोर जोर से आवाज किया, खेतों में ढोल नगाड़ों के साथ टीन के कनस्तर और थालियां बजाई. जिससे कि वह किसानों के फसलों पर ना बैठकर आगे बढ़ गए. उनका कहना है कि अगर टिड्डी दल फसलों पर बैठ जाता तो फसल को काफी नुकसान पहुंचाते. वहीं कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि अगर टिड्डी दल फसलों पर बैठ जाते है तो उस समय रासायनिक कीटनाशक का उपयोग भी किया जा सकता है, लेकिन इश प्रक्रिया में फसलों खराब भी हो सकती है. वहीं उनका कहना है कि फिलहाल प्रशासन ने भी इनसे निपटने के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं, टिड्डी दल को जिले से भगाने में किसानों ने सफलता हासिल की और अब ये महाराष्ट्र की तरफ रुख कर चुका.

छिंदवाड़ा। कोरोना काल में टिड्डी दल मध्यप्रदेश में आतंक मचा रहा है. इस महामारी में किसान पहले से ही परेशान हैं, ऊपर से इस आसमानी आतंक ने किसानों का बुरा हाल कर दिया है. राजस्थान से आए टिड्डी दल ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है. जिले की महाराष्ट्र सीमा से लगे पांढुर्णा और सौंसर में टिड्डी दल ने दस्तक दी है. जिसके बाद कृषि विभाग ने टिड्डी दल से बचाव और इनको भगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं. टिड्डी दल को भगाने और इन से बचाने के लिए किसानों को क्या उपाय करना चाहिए इस पर ईटीवी भारत से बातचीत की कृषि वैज्ञानिक विजय पराड़कर ने.

टिड्डी दल ने बढ़ी किसानों की परेशानी

जवाहरलाल नेहरू कृषि विज्ञान केंद्र के डायरेक्टर और वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक विजय पाटकर का कहना है कि लॉकडाउन में किसानों के लिए आफत बनकर आया टिड्डी दल, जो कि एक प्रकार की जैविक आपदा है. उनका कहना है कि टिड्डी दल फिलहाल पांढुर्णा विकासखंड के उमरी कला क्षेत्र में पहुंचा है, जो हिवराप्रथ्वीराम, खापरखेड़ा लाघा, टेमनी, साहनी से राजना होते हुए पहुंचा था. विजय पाटकर का कहना है टिड्डी दल के आने की कृषि विभाग को पहले से ही जानकारी थी. इसलिए विभाग और प्रशासन ने करीब एक सप्ताह पहले ही टिड्डी दल के आक्रमण को रोकने और उनसे बचने के लिए गांव-गांव में किसानों को सचेत किया गया था.

विजय पराड़कर ने बताया कि किसानों को टिड्डी दल के आने के पहले ही किसानों के आगाह कर दिया गया था. जानकारी होने से टिड्डी दल के आने पर किसानों जोर जोर से आवाज किया, खेतों में ढोल नगाड़ों के साथ टीन के कनस्तर और थालियां बजाई. जिससे कि वह किसानों के फसलों पर ना बैठकर आगे बढ़ गए. उनका कहना है कि अगर टिड्डी दल फसलों पर बैठ जाता तो फसल को काफी नुकसान पहुंचाते. वहीं कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि अगर टिड्डी दल फसलों पर बैठ जाते है तो उस समय रासायनिक कीटनाशक का उपयोग भी किया जा सकता है, लेकिन इश प्रक्रिया में फसलों खराब भी हो सकती है. वहीं उनका कहना है कि फिलहाल प्रशासन ने भी इनसे निपटने के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं, टिड्डी दल को जिले से भगाने में किसानों ने सफलता हासिल की और अब ये महाराष्ट्र की तरफ रुख कर चुका.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.