ETV Bharat / state

अक्षय तृतीया का क्या है विशेष महत्व, ये होते हैं शुभ कार्य - अक्षय तृतीया पर्व

अक्षय तृतीया का पर्व हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है. ऐसे में हमारी इस खास रिपोर्ट में जाने इस त्योहार का महत्व.

अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया
author img

By

Published : May 14, 2021, 11:44 AM IST

छिंदवाड़ा। अक्षय तृतीया का पर्व भारतीय पर्वों में एक विशेष महत्व रखता है. इस मुहूर्त को बेहद ही शुभ माना जाता है. किसी भी नए काम की शुरुआत से लेकर महत्वपूर्ण चीजों की खरीदारी, विवाह, शादियां जैसे काम भी इस मुहूर्त में किए जा सकते हैं. अक्षय तृतीया का पर्व हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान नारायण, परशुराम के अवतार सहित ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म हुआ था.

मटका व्यापारी

अक्षय तृतीया का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी कार्य किए जाते हैं. उन कार्यों के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है, अक्षय तृतीया की तिथि अपने आप में एक विशेष महत्व रखती है, इस दिन मटकी का पूजन किया जाता है. पौराणिक कहानियों के मुताबिक, इसी दिन महाभारत की लड़ाई खत्म हुई थी. द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था. ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन कोई भी नया काम शुरू किया जाता है तो बरकत और ख्याति मिलती है. अक्षय तृतीया के दिन स्नान, ध्यान, जप-तप, हवन करना, पितर तर्पण करना और दान पुन्य करने का विशेष महत्व होता है.

कोरोना का शादी विवाह पर पड़ा बुरा प्रभाव
कोरोना काल में शादी विवाह जैसे कार्य काफी हद तक प्रभावित हुए हैं. शासन द्वारा दी गई गाइडलाइनओं के चलते शादी विवाह के कार्यक्रम नई के बराबर हो गए हैं. कोरोना से पहले अक्षय तृतीया के दिन शादी विवाह कार्यक्रम से पूरा शहर गुलजार रहता था. वहीं अब कोरोना काल के चलते सन्नाटा पसरा हुआ है. इस दिन इतनी शादियां होती थी कि लोगों को पंडित, बाजे वाले और अन्य लोगों की आवश्यकता होती थी, परंतु कई बार तो लोग मिल नहीं पाते थे.

अबूझ मूहुर्त में मनाई जा रही अक्षय तृतीया, जानिए विभिन्न राशियों पर प्रभाव

मटके और अन्य व्यापारियों को भारी नुकसान
कोरोना काल में सड़क किनारे मटके बेच कर अपना जीवन यापन करने वाले व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. मटका व्यापारियों ने बताया कि अब तो यह स्थिति है कि जो उन्होंने लागत लगाकर सामान लाया है, वह लागत भी नहीं निकल रही. उन्होंंने बताया कि इससे पहले प्रतिदिन 500 रु से 1000 रु का व्यापार कर लेते थे, लेकिन अब दो रोजी-रोटी का भारी संकट आ गया है.

मटके की पूजा का विशेष महत्व
ऐसा माना जाता है कि जिस घर में कलश का पूजन होता है, उस घर में सुख-समृद्धि और शांति रहती है.

छिंदवाड़ा। अक्षय तृतीया का पर्व भारतीय पर्वों में एक विशेष महत्व रखता है. इस मुहूर्त को बेहद ही शुभ माना जाता है. किसी भी नए काम की शुरुआत से लेकर महत्वपूर्ण चीजों की खरीदारी, विवाह, शादियां जैसे काम भी इस मुहूर्त में किए जा सकते हैं. अक्षय तृतीया का पर्व हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान नारायण, परशुराम के अवतार सहित ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म हुआ था.

मटका व्यापारी

अक्षय तृतीया का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी कार्य किए जाते हैं. उन कार्यों के लिए मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है, अक्षय तृतीया की तिथि अपने आप में एक विशेष महत्व रखती है, इस दिन मटकी का पूजन किया जाता है. पौराणिक कहानियों के मुताबिक, इसी दिन महाभारत की लड़ाई खत्म हुई थी. द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था. ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन कोई भी नया काम शुरू किया जाता है तो बरकत और ख्याति मिलती है. अक्षय तृतीया के दिन स्नान, ध्यान, जप-तप, हवन करना, पितर तर्पण करना और दान पुन्य करने का विशेष महत्व होता है.

कोरोना का शादी विवाह पर पड़ा बुरा प्रभाव
कोरोना काल में शादी विवाह जैसे कार्य काफी हद तक प्रभावित हुए हैं. शासन द्वारा दी गई गाइडलाइनओं के चलते शादी विवाह के कार्यक्रम नई के बराबर हो गए हैं. कोरोना से पहले अक्षय तृतीया के दिन शादी विवाह कार्यक्रम से पूरा शहर गुलजार रहता था. वहीं अब कोरोना काल के चलते सन्नाटा पसरा हुआ है. इस दिन इतनी शादियां होती थी कि लोगों को पंडित, बाजे वाले और अन्य लोगों की आवश्यकता होती थी, परंतु कई बार तो लोग मिल नहीं पाते थे.

अबूझ मूहुर्त में मनाई जा रही अक्षय तृतीया, जानिए विभिन्न राशियों पर प्रभाव

मटके और अन्य व्यापारियों को भारी नुकसान
कोरोना काल में सड़क किनारे मटके बेच कर अपना जीवन यापन करने वाले व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. मटका व्यापारियों ने बताया कि अब तो यह स्थिति है कि जो उन्होंने लागत लगाकर सामान लाया है, वह लागत भी नहीं निकल रही. उन्होंंने बताया कि इससे पहले प्रतिदिन 500 रु से 1000 रु का व्यापार कर लेते थे, लेकिन अब दो रोजी-रोटी का भारी संकट आ गया है.

मटके की पूजा का विशेष महत्व
ऐसा माना जाता है कि जिस घर में कलश का पूजन होता है, उस घर में सुख-समृद्धि और शांति रहती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.