छिंदवाड़ा। डिंडौरी में सीएम कन्या विवाह योजना में विवाह से पहले कन्याओं के पंजीयन के दौरान प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जानें को लेकर कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सिंह चौहान से जबाव मांगा है. उन्होंने कहा कि क्या आपको आदिवासी बेटियों की मर्यादा की परवाह नहीं, बताइए किसके आदेश पर ऐसा हुआ है.
उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को सजा दिलवाएं सीएम: कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि "डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है. मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है? शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश पहले ही महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले में देश में अव्वल है, मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराएं और दोषी व्यक्तियों को कड़ी से कड़ी सजा दें. यह मामला सिर्फ प्रेगनेंसी टेस्ट का नहीं है, बल्कि समस्त स्त्री जाति के प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण का भी है."
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मेडिकल टेस्ट के नाम पर कौमार्य परीक्षण कराया गया-पूर्व मंत्री: मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह में लड़कियों की प्रेग्नेंसी टेस्ट कराए जाने का मामला सामने आया है. स्थानीय कांग्रेस विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम का आरोप है कि जिला प्रशासन के द्वारा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लड़कियों का मेडिकल टेस्ट के नाम पर कौमार्य परीक्षण किए जाने को लेकर ऐतराज जताते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. ओमकार मरकाम का कहना है कि "अगर सरकार ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में कौमार्य परीक्षण करने को लेकर यदि कोई नियम बनाया है, तो उसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए." साथ ही मरकाम ने कौमार्य परीक्षण को जिले की युवतियों का अपमान बताया है.