छिंदवाड़ा। जिले की विनीता नेटी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं. विनीता पर कई परेशानियों का पहाड़ टूटा, लेकिन उसने सब से लड़ते हुए अपने पिता का सपना साकार किया.दरअसल विनीता नेटी को खिलाड़ी बनाने का सपना उनके पिता ने देखा था. विनीता के पिता का ही सपना था कि उनकी बेटी शहर का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन करे. विनीता के पिता पेशे से वन विभाग के ड्राइवर थे.
विनीता को मिला फेयर प्लेयर का अवॉर्ड
ऐसा दौर भी विनीता के जीवन में आया जिसने उसे तोड़ने की कोशिश की. वो दौर था जब विनीता के पिता उसका साथ छोड़कर इस दुनिया से चले गए थे. जिसके बाद विनीता को काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ा. विनीता ने अपने पिता के सपने को अधूरा नहीं छोड़ा और वो उसे पूरा करने के लिए जी जान से जुट गई. आज वो अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. विनीता ने डिस्ट्रिक लेवल से लेकर स्टेट और स्टेट के बाद नेशनल लेवल तक खेला है. नागपुर एकेडमी ज्वाइन करने के बाद वहां से विनीता का इंटरनेशनल टीम में चयन हुआ. विनीता ने साउथ अमेरिका के चिली में फुटबॉल मैच खेला. इस मैच में विनीता को फेयर प्लेयर का अवार्ड भी मिला.
क्रिकेट को मिलती है ज्यादा तवज्जो
वहीं विनीता ने बताया कि आज के समय में भी फुटबॉल से ज्यादा क्रिकेट को लोग ज्यादा तवज्जो देते हैं. उन्होंने अपनी एक दोस्त का उदाहरण देते हुए बताया कि वो क्रिकेट खिलाड़ी हैं, जो महिला क्रिकेट टीम में खेलती हैं. लेकिन उसे क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए एक से डेढ़ लाख रुपए मिलता है. वहीं उन्होंने बताया कि फुटबॉल खिलाड़ियों को मुश्किल से TA और DA भी उपलब्ध नहीं हो पाता पैसा तो बहुत दूर की चीज है. विनीता का कहना है कि अगर कोई सपना देखता है तो उसको पूरा करने के लिए प्रयास लगातार करते रहना चाहिए. प्रयास के साथ थोड़ा सब्र भी रखना किसी भी सपने को पूरा करने के लिए जरूरी होता है .
विनीता जैसी लड़कियां उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा से कम नहीं है जो सपने देखती हैं और उनको पूरा करने कि इच्छा भी रखती हैं. चाहे लाख मुश्किलों का सामना करना पड़े, पर अपने सपने को पूरा करने के लिए कभी पीछे नहीं हटती हैं.