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FLASHBACK 2020: छिंदवाड़ा विकास के नाम पर गिर गई थी कमलनाथ सरकार

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Published : Dec 31, 2020, 8:10 PM IST

मार्च 2020 में अचानक सिंधिया सर्मथक विधायकों ने इस्तीफा दिया था, जिस कारण 15 में ही कमलनाथ की सरकार गिर गई थी. इसके पीछे विधायकों ने कमलनाथ को छिंदवाड़ा का सीएम होना कारण बताया था. सीएम बनने के बाद कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के विकास के लिए करीब 12 हजार करोड़ रुपए का बजट जारी किया था.

kamalnath
कमलनाथ

छिंदवाड़ा। दो साल पहले 2018 में जब कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, तब छिंदवाड़ा जिले में विकास के सौगातों की झड़ी लग गई थी. जिसका आलम ये हुआ कि कमलनाथ पर छिंदवाड़ा के सीएम होने का आरोप लगने लगा. फिर इसी बात को मुद्दा बनाकर सिंधिया समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दिया और कमलनाथ सरकार गिरा दी. इन आरोपों के पीछे वजह थी कि कमलनाथ के सीएम बनते ही छिंदवाड़ा के लिए करीब 12 हजार करोड़ रुपए के विकास काम शुरू किए गए थे.

कमलनाथ के लिए कैसा रहा साल 2020

छिंदवाड़ा जिले में लगातार विकास काम शुरू हो रहे थे. साथ ही कमलनाथ लगातार वहां के विकास के लिए बजट जारी कर रहे थे. इस वजह से उनकी पार्टी के कई विधायक नाराज थे. इसी नाराजगी के चलते उनकी सरकार भी चली गई. बेंगलुरू के होटल में रहने के दौरान सिंधिया समर्थक कई विधायकों ने वीडियो वायरल कर बताया था कि कमलनाथ सिर्फ छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं. और वहीं पर विकास कार्यों में खर्च कर रहे हैं. इसके अलावा दूसरे विधायकों के क्षेत्र में विकास के नाम पर उन्होंने कुछ नहीं किया.

पढ़ें- 18 साल बाद बीजेपी के 'महाराज', बदल गया इतिहास

छिंदवाड़ा का विकास बीजेपी सरकार की देन

छिंदवाड़ा में हुए विकास पर कांग्रेस विधायकों द्वारा लगाए गए भेदभाव के आरोप पर बीजेपी के जिला अध्यक्ष विवेक साहू का कहना है कि छिंदवाड़ा में जो विकास है, वह 15 साल की शिवराज सरकार की देन है. कमलनाथ और उनके बेटे सांसद नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में कोई विकास नहीं किया है. कमलनाथ और कांग्रेस ने छिंदवाड़ा के नाम विकास का सिर्फ ढिंढोरा पीटा है. बीजेपी सरकार के विकास को अपनी उपलब्धि बताकर प्रदेश की जनता को छला था. विवेक साहू ने कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में अगर कुछ किया है तो सबसे बड़ा घोटाला सिंचाई परियोजना में किया. उन्होंने इस योजना में 500 करोड़ रुपए का घोटाला किया है, जिसमें बिना जमीन अधिग्रहण के ही ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए एडवांस पेमेंट कर दी गई.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद मध्यप्रदेश का 'सियासी गणित'

किसके लिए कितना बजट हुआ जारी

कमलनाथ ने छिंदवाड़ा विकास मॉडल के नाम पर चुनाव लड़कर सरकार बनाई थी. इसके अलावा वे छिंदवाड़ा में लगातार विकास के लिए बजट दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने 12 हजार करोड़ रुपए का बजट छिंदवाड़ा विकास के लिए दिया था.

  • 12 हजार करोड़ रुपए का बजट हुआ था जारी.
  • 480 करोड़ रुपए छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी के लिए.
  • मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए 600 करोड़ रुपए.
  • इसके एयरपोर्ट का प्रस्तावित प्रोजेक्ट, लहगडुआ में इंडस्ट्री एरिया में टैक्सटाइल्स पार्क, अर्जुनबाड़ी में सैंट्रल जेल निर्माण औक कन्हान सिंचाई कॉम्प्लेक्स जैसे कई प्रोजेक्ट शामिल हैं.

पढ़ें- सियासी उथल-पुथल के बीच बीजेपी-कांग्रेस की तरकश से निकले जुबानी तीर

  • मेडिकल कॉलेज का निर्माण तो हो चुका है, लेकिन इसमें अभी विस्तारीकरण का काम बाकी है. एयरपोर्ट का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में जा चुका है. वहीं केंद्रीय जेल और टैक्सटाइल पार्क जैसे प्रोजेक्ट भी अटके हुए हैं.

सरकार बदलते ही प्राथमिकताओं से हट गया छिंदवाड़ा जिला

प्रदेश में छिंदवाड़ा से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ एकलौते कांग्रेस सांसद हैं. डेढ़ साल तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही. पिता कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. लिहाजा जिले में सांसद की पहल से कई प्रोजेक्ट शुरू हुए. लेकिन अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. इसलिए छिंदवाड़ा जिला पहले की तरह प्राथमिकता में शामिल नहीं रहा. लेकिन बीते डेढ़ साल में 12 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट छिंदवाड़ा के लिए स्वीकृत हुए थे. जिसमें से सिर्फ मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुआ है. उसके बाद सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटि कन्हान सिंचाई प्रोजेक्ट जैसे कई प्रोजेक्ट बजट के अभाव में अटके हैं.

छिंदवाड़ा। दो साल पहले 2018 में जब कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, तब छिंदवाड़ा जिले में विकास के सौगातों की झड़ी लग गई थी. जिसका आलम ये हुआ कि कमलनाथ पर छिंदवाड़ा के सीएम होने का आरोप लगने लगा. फिर इसी बात को मुद्दा बनाकर सिंधिया समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दिया और कमलनाथ सरकार गिरा दी. इन आरोपों के पीछे वजह थी कि कमलनाथ के सीएम बनते ही छिंदवाड़ा के लिए करीब 12 हजार करोड़ रुपए के विकास काम शुरू किए गए थे.

कमलनाथ के लिए कैसा रहा साल 2020

छिंदवाड़ा जिले में लगातार विकास काम शुरू हो रहे थे. साथ ही कमलनाथ लगातार वहां के विकास के लिए बजट जारी कर रहे थे. इस वजह से उनकी पार्टी के कई विधायक नाराज थे. इसी नाराजगी के चलते उनकी सरकार भी चली गई. बेंगलुरू के होटल में रहने के दौरान सिंधिया समर्थक कई विधायकों ने वीडियो वायरल कर बताया था कि कमलनाथ सिर्फ छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं. और वहीं पर विकास कार्यों में खर्च कर रहे हैं. इसके अलावा दूसरे विधायकों के क्षेत्र में विकास के नाम पर उन्होंने कुछ नहीं किया.

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छिंदवाड़ा का विकास बीजेपी सरकार की देन

छिंदवाड़ा में हुए विकास पर कांग्रेस विधायकों द्वारा लगाए गए भेदभाव के आरोप पर बीजेपी के जिला अध्यक्ष विवेक साहू का कहना है कि छिंदवाड़ा में जो विकास है, वह 15 साल की शिवराज सरकार की देन है. कमलनाथ और उनके बेटे सांसद नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में कोई विकास नहीं किया है. कमलनाथ और कांग्रेस ने छिंदवाड़ा के नाम विकास का सिर्फ ढिंढोरा पीटा है. बीजेपी सरकार के विकास को अपनी उपलब्धि बताकर प्रदेश की जनता को छला था. विवेक साहू ने कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में अगर कुछ किया है तो सबसे बड़ा घोटाला सिंचाई परियोजना में किया. उन्होंने इस योजना में 500 करोड़ रुपए का घोटाला किया है, जिसमें बिना जमीन अधिग्रहण के ही ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए एडवांस पेमेंट कर दी गई.

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किसके लिए कितना बजट हुआ जारी

कमलनाथ ने छिंदवाड़ा विकास मॉडल के नाम पर चुनाव लड़कर सरकार बनाई थी. इसके अलावा वे छिंदवाड़ा में लगातार विकास के लिए बजट दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने 12 हजार करोड़ रुपए का बजट छिंदवाड़ा विकास के लिए दिया था.

  • 12 हजार करोड़ रुपए का बजट हुआ था जारी.
  • 480 करोड़ रुपए छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी के लिए.
  • मेडिकल कॉलेज में सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए 600 करोड़ रुपए.
  • इसके एयरपोर्ट का प्रस्तावित प्रोजेक्ट, लहगडुआ में इंडस्ट्री एरिया में टैक्सटाइल्स पार्क, अर्जुनबाड़ी में सैंट्रल जेल निर्माण औक कन्हान सिंचाई कॉम्प्लेक्स जैसे कई प्रोजेक्ट शामिल हैं.

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  • मेडिकल कॉलेज का निर्माण तो हो चुका है, लेकिन इसमें अभी विस्तारीकरण का काम बाकी है. एयरपोर्ट का प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में जा चुका है. वहीं केंद्रीय जेल और टैक्सटाइल पार्क जैसे प्रोजेक्ट भी अटके हुए हैं.

सरकार बदलते ही प्राथमिकताओं से हट गया छिंदवाड़ा जिला

प्रदेश में छिंदवाड़ा से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ एकलौते कांग्रेस सांसद हैं. डेढ़ साल तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही. पिता कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. लिहाजा जिले में सांसद की पहल से कई प्रोजेक्ट शुरू हुए. लेकिन अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. इसलिए छिंदवाड़ा जिला पहले की तरह प्राथमिकता में शामिल नहीं रहा. लेकिन बीते डेढ़ साल में 12 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट छिंदवाड़ा के लिए स्वीकृत हुए थे. जिसमें से सिर्फ मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हुआ है. उसके बाद सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटि कन्हान सिंचाई प्रोजेक्ट जैसे कई प्रोजेक्ट बजट के अभाव में अटके हैं.

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