छिंदवाड़ा। जिले के तालमखरा गांव में भूतों का मेला लगता है. इस मेले में दूर- दूर से लोग पहुंचते हैं, जहां प्रेत बाधा से परेशान लोगों का इलाज किया जाता है. कालरात्रि मेले में तरह- तरह के अनुष्ठान करके लोग प्रेत बाधा का इलाज करते नजर आते हैं, हालांकि विज्ञान में भूत प्रेत जैसी किसी भी शक्ति के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि यहां पहुंचने पर कोई भी भूतों के अस्तित्व को आसानी से नहीं नकार सकता है.
छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव विधानसभा के तालखमरा गांव में भूतों का प्रसिद्ध मेला लगता है. इस मेले की खासियत ये है कि प्रेत बाधा से परेशान और मानसिक रुप से विक्षिप्त रोगियों का उपचार इस मेले में किया जाता है. प्रेत बाधा से ग्रसित व्यक्ति का उपचार पड़िहार, पंडे मंत्रों की शक्ति से करते हैं.
तालखमरा मेले मे तांत्रिकों के द्वारा प्रेत बाधा से परेशान लोगों की तालाब मे डुबकी लगवाई जाती है. इसके बाद वटवृक्ष दईयत बाबा के समीप उसे ले जाकर व्यक्ति को कच्चा धागा से बांधकर तांत्रिक पूजा की जाती है. इसके बाद मालनमाई के मंदिर मे जाकर पूजा अर्चना की जाती है और व्यक्ति सामान्य हो जाता है. यह मेला सदियों पुराना है. इस मेले मे दूर-दूर से आदिवासी ग्रामीणों के साथ अन्य समाज के लोग यहां आकर अपना और अपने परिवार का उपचार करवाते हैं.
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