छिंदवाड़ा। जिले में यूरिया की किल्लत से किसान लगातार जूझ रहा है. अब तो ये आलम है कि, मुश्किल से अगर ट्रक गांव में पहुंचता है, तो किसानों को एक या दो बोरी ही खाद मिल पा रहा है. छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्के की खेती होती है और मक्के में यूरिया की खपत भी ज्यादा होती है, लेकिन जिले का किसान इन दिनों यूरिया की किल्लत से जूझ रहा है. किसानों का कहना है कि, सेवा सहकारी समितियों में खाद उन्हें मिल नहीं रहा है. सप्ताह में एक या दो ट्रक खाद ही पहुंचती है. जिसमें उन्हें एक या दो बोरी खाद ही मिल पाती है.
इस मामले में जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि, छिंदवाड़ा जिले में खाद की आपूर्ति तो पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन रेलवे में ट्रैक खाली करने की व्यवस्था एक ही है. जिसके चलते खाद की गाड़ियां खड़ी रहती हैं, लेकिन रैंक की कमी होने के चलते अनलोड नहीं हो पाती है. जिसकी वजह से किल्लत बनी हुई है.