छिंदवाड़ा। कॉर्न सिटी में किसान इन दिनों कॉर्न को लेकर काफी परेशान नजर आ रहे हैं. हाल ही में शहर में 'कॉर्न फेस्टिवल ' का आयोजन किया गया था, भुट्टों की फसल को बढ़ावा देने के लिए. लेकिन किसानों को इन सबसे कोई फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है. पहले ही बारिश की मार से किसानों के भुट्टे सड़ गए थे. वहीं अब किसानों को तय समर्थन मूल्य नहीं मिलने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके अलावा तय उचित समर्थन मूल्य नहीं मिलने से अब किसानों ने घानी करने से भी इंकार कर दिया है.
समर्थन मूल्य न मिलने से किसान हैं परेशान
किसानों ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार ने 1700 रूपए कुंटल से समर्थन मूल्य तय किया था. लेकिन अभी महज 900 से 1200 रूपए तक ही दिया जा रहा हैं. जिससे किसान काफी परेशान है. वे तो अपनी लागत और मेहनत का खर्चा भी नहीं निकल पा रहे हैं.
कर्ज माफी भी नहीं हुई अब तक
किसानों ने अपने परेशानी कहते हुए बताया कि जैसे-तैसे वे अपना घर चला रहे हैं. वहीं सरकार ने जो वादा किया था कि किसानों का दो लाख तक का कर्जा माफ कर दिया जाएगा वो भी अब तक माफ नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि 70 से 80 हजार रुपए तक का उन्होंने लोन लिया था जो कि आज भी माफ नहीं हो पाया है.
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अब तक किसानों ने नहीं की घानी, खेतों में ही सड़ रहे भुट्टे
परासिया विधानसभा के कुछ किसानों ने मक्के के सही मूल्य न मिलने के कारण अब तक मक्कों को खेतों में जस के तस रहने दिए हैं. वहीं कुछ खेतों में तो भुट्टे सड़ने भी लगे हैं.
कॉर्न फेस्टिवल पर उठाया किसानों ने सवाल
किसानों ने कहा कि कि करोड़ों रुपए की लागत लगाकर कॉर्न फेस्टिवल मनाया गया था. लेकिन जब मक्का किसान ही परेशान है तो क्या मतलब ऐसे कॉर्न फेस्टिवल का. सरकार ने ये तो कर लिया पर किसान की हालत काफी खराब है. उनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. कॉर्न फेस्टिवल के नाम पर करोड़ों रुपए उड़ा दिए गए उन्हीं पैसों में कुछ किसानों का कर्ज माफ हो सकता था.
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BJP ने भी उठाई आवाज
BJP जिला अध्यक्ष विवेक साहू ने इस मामले में कहा कि कमलनाथ सरकार लगातार कॉर्न सिटी का गुणगान करते रहती हैं. लेकिन वास्तव में की हालत ये है कि वे परेशान हैं, उनका कर्ज माफ नहीं हुआ है और जो सरकार ने समर्थन मूल्य तय किया था वह भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के समय में कम से कम भावांतर के नाम पर किसानों को राहत दी जाती थी. अब तो वह भी बंद कर दी गई है, जिससे किसान काफी दुखी और परेशान है.
वहीं अब मक्के का समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाने से किसान है परेशान हैं. इसके साथ ही किसानों को अब भावंतर योजना की याद आ रही है.