छिंदवाड़ा। भले ही जिले में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav 2022) की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर चुनाव नहीं होने से सियासी घमासान की स्थिति बन गई है. राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद अब छिंदवाड़ा जिले की 98 ग्राम पंचायतों में चुनाव नहीं होंगे, जोकि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित थी.
MP पंचायत चुनाव: OBC आरक्षण पर नहीं होगा चुनाव, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को दिए निर्देश
40 जनपद पंचायत सदस्य, 98 सरपंच पद OBC आरक्षित
छिंदवाड़ा जिले में जनपद पंचायत सदस्य (Chhindwara Panchayat Election 2022) पद के 220 और सरपंच पद के लिए 784 और पंच के लिए 12142 सीटों पर चुनाव होना है, नए निर्णय के बाद जनपद पंचायत सदस्य के 40, सरपंच के 98 और पंच के 1371 सीटों पर पेंच फंस गया है. प्रशासनिक स्तर पर नए सिरे से चुनाव की तैयारी को लेकर मंथन भी किया जा रहा है.
1197617 मतदाता पंचायत चुनाव में करेंगे मतदान
जिले में कुल 3 चरणों में पंचायत चुनाव होना है, जिसमें 1197617 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार कोर्ट में अपना सही पक्ष नहीं रख पाई, इसलिए पिछड़ा वर्ग का पेंच फंस गया. भाजपा के जिलाध्यक्ष बंटी साहू ने ओबीसी आरक्षित (obc reservation controversy update in panchayat chunav 2022) सीटों पर चुनाव स्थगित होने से कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता का हवाला दिया है.
राज्य सरकार के पाले में अब ओबीसी आरक्षण
अब OBC आरक्षण का मामला सरकार के पाले में है, अब यह सरकार तय करेगी कि कब इन सीटों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाए. फिलहाल सरकार इस मामले में बोलने से बच रही है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है, लिहाजा विधि विशेषज्ञों के साथ बैठकों का दौर जारी है, निर्वाचन आयोग का कहना है कि जो पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान (supreme court on mp panchayat election) किया गया है. निर्धारित तारीख पर ही पंचायत चुनाव होंगे, लेकिन OBC आरक्षण की गेंद सरकार के पाले में है. निर्वाचन आयोग का इस से कुछ लेना-देना नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने OBC आरक्षण को लेकर क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा था कि कानून के दायरे में रहकर ही चुनाव करवाएं, OBC के लिए निर्धारित सीटों को सामान्य सीटों में तब्दील करने की अधिसूचना जारी करें. मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में 13% सीटें पिछड़ा वर्ग के लिए रिजर्व की गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करने के लिए नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया करनी होगी. सीटों का आरक्षण संबंधित क्षेत्र की आबादी के हिसाब से होता है.