छिंदवाड़ा। कोरोना काल में गरीबों को राहत देने के लिए सरकार ने तीन महीने का राशन मुफ्त में देने की घोषणा की है. सरकारी दुकानों में राशन पहुंच भी गया है, लेकिन डिजिटल तकनीक के कारण गरीबों को अनाज लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, पीडीएस (PDS) का राशन ऑनलाइन तरीके से गरीबों को बांटा जाता है. इस प्रक्रिया के तहत पीओएस मशीन में आधार फीडिंग होती है, और फिर फिंगरप्रिंट के माध्यम से गरीबों को राशन दिया जाता है. वहीं, अधिकतर गांव में नेटवर्क की समस्या होने के चलते ज्यादातर समय सर्वर बंद ही रहता है. जिसका खामियाजा गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को उठाना पड़ता है. ऐसे लोग दिन-भर सरकारी राशन की दुकानों के चक्कर लगाने को मजबूर रहते हैं.
526 सरकारी राशन दुकानों की समस्या
जिले में सरकारी रिकॉर्ड के हिसाब से 1984 गांव हैं, जिनमें 526 सरकारी राशन की दुकानें संचालित की जाती हैं. वहीं, शहरी इलाकों में 89 सरकारी राशन की दुकानों के तहत गरीबों को राशन दिया जाता है. राशन दुकान संचालकों का कहना है कि पीओएस मशीन का सर्वर भोपाल मुख्यालय और हैदराबाद से कनेक्ट है. इसलिए स्थानीय स्तर पर उनकी समस्याओं का निराकरण भी नहीं होता है.
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राशन के चक्कर में मजदूरी खतरे में
राशन लेने सरकारी दुकान पहुंचे लोगों ने बताया की राशन लेने पहुंचते हैं, लेकिन अधिकतर समय मशीन का सर्वर खराब रहता है. जिसकी वजह से उन्हें राशन नहीं मिल पाता. लोगों ने बताया कि जब भी राशन लेने आते हैं, तो उस दौरान वे अपने मजदूरी का काम छोड़कर भी आते हैं. इसलिए उन्हें कई बार राशन भी नहीं मिल पाता और दिन भर की मजदूरी से भी हाथ धोना पड़ जाता है. बता दें कि वैसे तो सरकारी दुकानों में सर्वर की समस्या पूरे साल रहती है, लेकिन बारिश के मौसम में यह दोगुनी हो जाती है. जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.