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ब्लैक फंगस: दवा-इंजेक्शन का भारी संकट, मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज - स्वास्थ्य व्यवस्था

छिंदवाड़ा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई हैं. दवा और इंजेक्शन के अभाव में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा हैं.

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दवा-इंजेक्शन का भारी संकट
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Published : May 28, 2021, 6:17 PM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना संक्रमण के साथ-साथ अब ब्लैक फंगस के मरीज भी सामने आ रहे हैं. इस फंगस को लेकर मरीजों के लिए जिला अस्पताल में वार्ड तो चिह्नित कर लिए गए हैं, पर इलाज के लिए न तो इंजेक्शन है और न ही दवाईयां. सभी को जिले से बाहर रेफर किया जा रहा हैं. बता दें कि, अभी तक कुल सात ब्लैक फंगस के मामले मिल चुके हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. मेडिकल हब की बात की जाती है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही हैं. दवाईयों और इंजेक्शन की कमी से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा हैं.

दवाईयों और इंजेक्शन के अभाव में नहीं हो पा रहा इलाज

संक्रमण के साथ अब ब्लैक फंगस ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया हैं. जिले में अभी तक ब्लैक फंगस के सात मामले सामने आ चुके हैं, जिन्हें अलग-अलग जगहों पर रेफर किया गया हैं.

दवा-इंजेक्शन का भारी संकट


ब्लैक फंगस से पीड़ित इंदाैर की स्नेहा ने पीएम और सीएम से लगाई मदद की गुहार



सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया ने बताया कि जिला अस्पताल के चार फ्लोर को ब्लैक फंगस मरीजों के लिए चिन्हित किया गया हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि इस बीमारी से संबंधित दवाई और इंजेक्शन अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, जिसके कारण यहां पर उनका इलाज नहीं हो पा रहा है.

मरीज के परिजन ने लगाई गुहार

ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज के परिजन ने बताया कि कोरोना पेशेंट को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां से ठीक होने के बाद उनमें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने लगे. जिला अस्पताल से उन्हें नागपुर के अस्पताल में रेफर कर दिया गया. 16 इंजेक्शन के अभाव में उन्हें डिस्चार्ज कर छिंदवाड़ा लाया गया. इंजेक्शन की कहीं से कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही हैं.

मरीज के परिजन ने बताया कि उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से बात की. कलेक्टर से गुहार भी लगाई, पर उन्हें इंजेक्शन नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं.

छिंदवाड़ा। कोरोना संक्रमण के साथ-साथ अब ब्लैक फंगस के मरीज भी सामने आ रहे हैं. इस फंगस को लेकर मरीजों के लिए जिला अस्पताल में वार्ड तो चिह्नित कर लिए गए हैं, पर इलाज के लिए न तो इंजेक्शन है और न ही दवाईयां. सभी को जिले से बाहर रेफर किया जा रहा हैं. बता दें कि, अभी तक कुल सात ब्लैक फंगस के मामले मिल चुके हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. मेडिकल हब की बात की जाती है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही हैं. दवाईयों और इंजेक्शन की कमी से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा हैं.

दवाईयों और इंजेक्शन के अभाव में नहीं हो पा रहा इलाज

संक्रमण के साथ अब ब्लैक फंगस ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया हैं. जिले में अभी तक ब्लैक फंगस के सात मामले सामने आ चुके हैं, जिन्हें अलग-अलग जगहों पर रेफर किया गया हैं.

दवा-इंजेक्शन का भारी संकट


ब्लैक फंगस से पीड़ित इंदाैर की स्नेहा ने पीएम और सीएम से लगाई मदद की गुहार



सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया ने बताया कि जिला अस्पताल के चार फ्लोर को ब्लैक फंगस मरीजों के लिए चिन्हित किया गया हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि इस बीमारी से संबंधित दवाई और इंजेक्शन अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाए हैं, जिसके कारण यहां पर उनका इलाज नहीं हो पा रहा है.

मरीज के परिजन ने लगाई गुहार

ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज के परिजन ने बताया कि कोरोना पेशेंट को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां से ठीक होने के बाद उनमें ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने लगे. जिला अस्पताल से उन्हें नागपुर के अस्पताल में रेफर कर दिया गया. 16 इंजेक्शन के अभाव में उन्हें डिस्चार्ज कर छिंदवाड़ा लाया गया. इंजेक्शन की कहीं से कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही हैं.

मरीज के परिजन ने बताया कि उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से बात की. कलेक्टर से गुहार भी लगाई, पर उन्हें इंजेक्शन नहीं उपलब्ध हो पा रहे हैं.

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