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छिंदवाड़ा: पांढुर्णा में जलाशय का 80% काम पूरा, डूब प्रभावित किसानों को नहीं मिला रहा मुआवजा - जलाशय

जिले के पांढुर्णा में जल संसाधन विभाग में द्वारा जलाशय का काम ठेकेदार के द्वारा कराया जा रहा है, जिसका 80 % काम पूरा भी हो गया है, इसके लिए जल संसाधन विभाग ने ठेकेदार को 2 करोड़ रुपए की राशि भी स्वीकृत कर दी है. लेकिन डूब प्रभावित किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, जानें क्या है पूरा मामला...

farmers protest
विरोध करते किसान
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Published : Nov 1, 2020, 1:19 PM IST

छिंदवाड़ा। पांढुर्णा के पास स्थित कुकड़ीखापा में डोलनाला जलाशय बनाया जा रहा है, जिसका काम 80% तक हो भी चुका है, लेकिन जलाशय के कारण जिन किसानों की जमीन डूब में आई, उनको अब तक सरकार की तरफ से मुआवजा नहीं दिया गया है, यहां तक की बांध का निर्माण कराने वाले ठेकेदार तक को निर्माण कार्य करने के लिए 2 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर दी गई है,

आपको बता दें कि 11 अगस्त 2018 को इस जलाशय का प्रकाशन किया गया था. जिसके चलते ठेकेदारों द्वारा किसानों को बिना मुआवजा दिए उनकी खेती की जमीन खोद दी गई थी, लेकिन दो साल भी किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका है, वहीं किसान सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, ऐसे 47 किसान हैं, जो डूब क्षेत्र में आए हैं, किसानों बार-बार ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा बयां कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि ठेकेदार को जलाशय बनाने के लिए राशि जारी कर दी गई है, लेकिन पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं मिला.

इस मामले में पांढुर्णा जल संसाधन विभाग के SDO से बात की तो उन्होंने बताया कि डूब क्षेत्र के 47 किसानों को 6 करोड़ 50 लाख रूपये की राशि से 2 करोड़ 45 लाख रूपये की राशि मिली हैं, लेकिन यह राशि विभाग के खाते में जमा है. जिसका वितरण किसानों को अब तक नहीं किया गया है. जब कि शेष राशि पाने के लिए भोपाल जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता को पत्र लिखा जा चुका हैं.

छिंदवाड़ा। पांढुर्णा के पास स्थित कुकड़ीखापा में डोलनाला जलाशय बनाया जा रहा है, जिसका काम 80% तक हो भी चुका है, लेकिन जलाशय के कारण जिन किसानों की जमीन डूब में आई, उनको अब तक सरकार की तरफ से मुआवजा नहीं दिया गया है, यहां तक की बांध का निर्माण कराने वाले ठेकेदार तक को निर्माण कार्य करने के लिए 2 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर दी गई है,

आपको बता दें कि 11 अगस्त 2018 को इस जलाशय का प्रकाशन किया गया था. जिसके चलते ठेकेदारों द्वारा किसानों को बिना मुआवजा दिए उनकी खेती की जमीन खोद दी गई थी, लेकिन दो साल भी किसानों को मुआवजा नहीं मिल सका है, वहीं किसान सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, ऐसे 47 किसान हैं, जो डूब क्षेत्र में आए हैं, किसानों बार-बार ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा बयां कर रहे हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि ठेकेदार को जलाशय बनाने के लिए राशि जारी कर दी गई है, लेकिन पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं मिला.

इस मामले में पांढुर्णा जल संसाधन विभाग के SDO से बात की तो उन्होंने बताया कि डूब क्षेत्र के 47 किसानों को 6 करोड़ 50 लाख रूपये की राशि से 2 करोड़ 45 लाख रूपये की राशि मिली हैं, लेकिन यह राशि विभाग के खाते में जमा है. जिसका वितरण किसानों को अब तक नहीं किया गया है. जब कि शेष राशि पाने के लिए भोपाल जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता को पत्र लिखा जा चुका हैं.

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