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सीएम के गृह जिले में ऑपरेशन के बाद महिलाओं को जमीन पर सुलाया, गोद में उठाकर ले गए वार्ड बॉय

एक ओर छिंदवाड़ा को मेडिकल व शिक्षा का हब बनाने की कवायद चल रही है, वहीं जिला अस्पताल में जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं कितनी मजबूत हैं, इस बात की पोल खोल रही हैं.

sterilization camp at Chhindwara District Hospital
असुविधाओं का शिविर
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Published : Jan 8, 2020, 9:23 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 9:48 PM IST

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा की अपनी एक पहचान है, जहां छिंदवाड़ा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज खोला गया है और सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की मिसाल पूरे प्रदेश में दी जाती है, लेकिन जमीनी हकीकत देखी जाए तो यहां के जिला अस्पताल इस कदर बदहाल है कि नसबंदी शिविर में महिलाओं को ऑपरेशन के बाद बेड तक मयस्सर नहीं होता, जबकि स्ट्रेचर के अभाव में महिलाओं को सहारा देकर ले जाना पड़ता है.

बदहाल है ये अस्पताल

छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद की तस्वीरें सिस्टम की पोल खोल रही हैं. यहां महिलाओं को नसबंदी के बाद जमीन पर गद्दे डालकर सुला दिया गया. इस दौरान नर्सें भी नदारद थीं. जिन महिलाओं की नसबंदी हुई थी, उन्हें पुरुष वार्ड बॉय हाथों में उठाकर बिस्तर पर डालते नजर आए.

छिंदवाड़ा को मेडिकल हब और शिक्षा हब बनाने की बातें हो रही हैं और इस दिशा में काम भी चल रहा है, मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ छिंदवाड़ा जिले को मेडिकल हब और शिक्षा हब बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम कुछ और ही गवाही दे रहा है.

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा की अपनी एक पहचान है, जहां छिंदवाड़ा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज खोला गया है और सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की मिसाल पूरे प्रदेश में दी जाती है, लेकिन जमीनी हकीकत देखी जाए तो यहां के जिला अस्पताल इस कदर बदहाल है कि नसबंदी शिविर में महिलाओं को ऑपरेशन के बाद बेड तक मयस्सर नहीं होता, जबकि स्ट्रेचर के अभाव में महिलाओं को सहारा देकर ले जाना पड़ता है.

बदहाल है ये अस्पताल

छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर में ऑपरेशन के बाद की तस्वीरें सिस्टम की पोल खोल रही हैं. यहां महिलाओं को नसबंदी के बाद जमीन पर गद्दे डालकर सुला दिया गया. इस दौरान नर्सें भी नदारद थीं. जिन महिलाओं की नसबंदी हुई थी, उन्हें पुरुष वार्ड बॉय हाथों में उठाकर बिस्तर पर डालते नजर आए.

छिंदवाड़ा को मेडिकल हब और शिक्षा हब बनाने की बातें हो रही हैं और इस दिशा में काम भी चल रहा है, मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ छिंदवाड़ा जिले को मेडिकल हब और शिक्षा हब बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम कुछ और ही गवाही दे रहा है.

Intro:छिंदवाड़ा! मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा की अपनी एक पहचान है जहां छिंदवाड़ा में छिंदवाड़ा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज खोला गया है और सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाया जा रहा है जहां बातें होती है कि बाहर का व्यक्ति छिंदवाड़ा आकर इलाज कर आएगा वही छिंदवाड़ा के जिला अस्पताल के हाल ही बदहाल है
महिला नसबंदी के बाद उन्हें जमीन पर गद्दे डालकर सुला दिया गया यही नहीं बल्कि अस्पताल से स्ट्रेचर और नर्स से भी नदारद थी जिन महिलाओं की नसबंदी हुई उन्हें पुरुष वार्ड बॉय हाथों में उठा कर बिस्तर पर डालते नजर आए यह नजारा छिंदवाड़ा जिला अस्पताल का है


Body:छिंदवाड़ा को मेडिकल हब और शिक्षा हब बनाने की बातें हो रही है और इस दिशा में काम भी चल रहा है वहीं जिला अस्पताल के हाल बेहाल है छिंदवाड़ा अपने आप में एक पहचान रखता है वहीं जिला अस्पताल में हो रही गंभीर लापरवाही सामने आई ,जहां महिलाओं की नसबंदी होने के बाद उन्हें बेड तक नसीब नहीं हो रहा उन्हें गधों पर नीचे एक लाइन से सुला दिया जा रहा है बात यहीं खत्म नहीं होती बल्कि इन महिलाओं की नसबंदी होने के बाद ऑपरेशन थिएटर से दो वार्डबॉय अपने हाथों में उठा कर महिला को गद्दे पर सुलाते हैं ना तो स्ट्रेचर दिखा ना ही नर्स, परिजन भी जिला अस्पताल के खिलाफ बोलने से बचते नजर आए, भले ही कितनी इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग खड़ी कर दी जाए अंदर की व्यवस्था सही ना हो तो सब कुछ पर पानी फिर जाता है


Conclusion:मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुल नाथ छिंदवाड़ा जिले को मेडिकल हब और शिक्षा हब बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं पर अव्यवस्थाओं का आलम कुछ और ही गवाही देता है

बाईट 01 - लता कुमरे, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

बाईट 02- मरीज के परिजन

बाईट 03 - मुजर खान ,मरीज के परिजन
Last Updated : Jan 8, 2020, 9:48 PM IST
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