छिंदवाड़ा। तकनीकी गड़बड़ी किस तरह किसी होनहार की जान ले सकती है, छिंदवाड़ा में इसका एक दर्दनाक उदाहरण सामने आया है. छिंदवाड़ा के परासिया की मैगजीन लाइन निवासी छात्रा विधि सूर्यवंशी ने पोर्टल पर नीट का परीक्षा का रिजल्ट देखा तो वहां उसे प्राप्त अंकों के स्थान पर महज 6 अंक दिखे. इससे हताश होकर उसने आत्महत्या कर ली. कुछ दिन बाद परिजनों ने जब ओएमआर शीट पर नंबर देखे तो पता चला कि विधि को कुल 590 अंक मिले हैं.
कम अंक मिलने पर तनाव में थी विधि
पिता गजेंद्र सूर्यवंशी के मुताबिक विधि ने सोमवार को पोर्टल पर रिजल्ट चैक किया था. यह देखकर तनाव में आ गई कि उसे महज 6 अंक मिले हैं. इसके दो दिन बाद बुधवार को उसने घर में ही साड़ी का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली. बुधवार शाम को जब बेटे ने पोर्टल पर ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकग्नाइजेशन) शीट से अंकों का मिलान किया तो उसमें 590 अंक निकले.
स्टडी रूम में लगाई फांसी
पिता गजेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि विधि बुधवार को मॉर्निंग वॉक के लिए गई थी. लौटने के बाद वह अपने स्टडी रूम में चली गई. स्टडी रूम घर के पिछले हिस्से में है. कुछ देर बाद घर वाले उसके कमरे में पहुंचे तो देखा कि उसने साड़ी का फंदा बनाकर पंखे से लटक कर जान दे दी है.पिता का कहना है कि विधि पढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. कोटा में नीट की कोचिंग भी कराई थी, मगर वह इस तरह चली जाएगी, सोचा न था.
468 अंक है जनरल का कट ऑफ
गौरतलब है कि नीट परीक्षा के लिए कुल अंक 720 होते हैं, इस साल सामान्य वर्ग के लिए 468 अंक तक कट ऑफ गई थी, इस लिहाज से छात्रा के डॉक्टर बनने का सपना पूरा हो जाता. लेकिन तकनीकी खामी छात्रा की मौत की वजह बन गई.
पुलिस कर रही जांच
परासिया थाना प्रभारी सुमेर सिंह जगेत ने बताया कि फिलहाल परिजनों के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया है. लड़की ने आत्महत्या किन कारणों से की है इसका खुलासा जांच के बाद हो ही पाएगा. हालांकि परिजनों के बताए अनुसार परीक्षा में कम नंबर आने से वह तनाव में थी, जिसके कारण उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया.