छिंदवाड़ा। जिले के भाजीपानी गांव में दहशत फैली है. लोगों को डर है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए. अचानक जमीन में दरारें आना और फिर मकान की दीवारों का भी चटकने के बाद कच्चे मकानों का ढहना शुरू हो गया है. दरअसल, भाजीपानी सहित आसपास के गांव वेस्टर्न कोल्ड फील्ड्स लिमिटेड के अंतर्गत आते हैं. कई साल पहले इन गांवों के किनारे में अंडरग्राउंड कोयले की खदानें संचालित की जाती थीं. खदानों की भीतर ही भीतर से कोयला निकाल लिया गया. अब नीचे जमीन खोखली है.
खदानों के पास बसे हैं गांव : खदानों पास गांव बसे हैं. इसी कारण अब धीरे-धीरे इलाके की जमीन धसक रही है, जो कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है. खनिज नियमों के अनुसार निर्धारित खदानों से किसी भी प्रकार का खनिज उत्खनन करने के बाद चाहे वह ओपन कास्ट खदान हो या फिर अंडरग्राउंड खदानें उन्हें सुरक्षित किया जाता है या तो फिर उनमें दूसरे मलवा का पुराव किया जाता है लेकिन डब्लूसीएल द्वारा संचालित कोयला खदानों में अधिकतर खदानें ओपन कास्ट हो या फिर अंडरग्राउंड खुली पड़ी है, जिसके कारण ऐसे हादसे होते हैं.
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लोगों ने तंबुओं में डाला डेरा : वहीं, भाजीपानी में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि पहले जमीन में दरार आना शुरू हुईं. फिर धीरे-धीरे दरारें बड़ी हुईं और घर की दीवारें भी फटने लगी. यह देखकर लोगों में घबराहट हुई और लोग अपने घरों से बाहर निकाल कर तंबू में रहने लगे. परासिया एसडीएम पुष्पेंद्र निगम ने बताया कि जानकारी मिलते ही उन्होंने राजस्व अमले को जांच के लिए भेजा था. इसके साथ ही वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के महाप्रबंधक से भी बात की है. वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की टीम भी जाकर मौके का मुआयना करेगी.