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छिंदवाड़ा जिले के इन गांवों में फट रही जमीन, भरभराकर गिर रहे मकान

ना तो कोई भूकंप के झटके और ना ही कोई तूफान लेकिन छिंदवाड़ा जिले के भाजीपानी गांव में अचानक जमीन में दरार आई और घर भरभराकर धराशाई होने लगे. डर के मारे अब ग्रामीण तंबू लगाकर रहने को मजबूर हैं. क्यों फटी अचानक जमीन, क्यों आई घरों में दरारें. जानिए विस्तार से...

sinking in villages damage houses
छिंदवाड़ा जिले के गांवों में क्यों फट रही जमीन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 4, 2024, 1:31 PM IST

Updated : Jan 4, 2024, 4:03 PM IST

छिंदवाड़ा जिले के गांवों में क्यों फट रही जमीन

छिंदवाड़ा। जिले के भाजीपानी गांव में दहशत फैली है. लोगों को डर है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए. अचानक जमीन में दरारें आना और फिर मकान की दीवारों का भी चटकने के बाद कच्चे मकानों का ढहना शुरू हो गया है. दरअसल, भाजीपानी सहित आसपास के गांव वेस्टर्न कोल्ड फील्ड्स लिमिटेड के अंतर्गत आते हैं. कई साल पहले इन गांवों के किनारे में अंडरग्राउंड कोयले की खदानें संचालित की जाती थीं. खदानों की भीतर ही भीतर से कोयला निकाल लिया गया. अब नीचे जमीन खोखली है.

खदानों के पास बसे हैं गांव : खदानों पास गांव बसे हैं. इसी कारण अब धीरे-धीरे इलाके की जमीन धसक रही है, जो कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है. खनिज नियमों के अनुसार निर्धारित खदानों से किसी भी प्रकार का खनिज उत्खनन करने के बाद चाहे वह ओपन कास्ट खदान हो या फिर अंडरग्राउंड खदानें उन्हें सुरक्षित किया जाता है या तो फिर उनमें दूसरे मलवा का पुराव किया जाता है लेकिन डब्लूसीएल द्वारा संचालित कोयला खदानों में अधिकतर खदानें ओपन कास्ट हो या फिर अंडरग्राउंड खुली पड़ी है, जिसके कारण ऐसे हादसे होते हैं.

sinking in villages damage houses
अचानक जमीन में दरारें भाजीपानी गांव में दहशत

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लोगों ने तंबुओं में डाला डेरा : वहीं, भाजीपानी में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि पहले जमीन में दरार आना शुरू हुईं. फिर धीरे-धीरे दरारें बड़ी हुईं और घर की दीवारें भी फटने लगी. यह देखकर लोगों में घबराहट हुई और लोग अपने घरों से बाहर निकाल कर तंबू में रहने लगे. परासिया एसडीएम पुष्पेंद्र निगम ने बताया कि जानकारी मिलते ही उन्होंने राजस्व अमले को जांच के लिए भेजा था. इसके साथ ही वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के महाप्रबंधक से भी बात की है. वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की टीम भी जाकर मौके का मुआयना करेगी.

छिंदवाड़ा जिले के गांवों में क्यों फट रही जमीन

छिंदवाड़ा। जिले के भाजीपानी गांव में दहशत फैली है. लोगों को डर है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए. अचानक जमीन में दरारें आना और फिर मकान की दीवारों का भी चटकने के बाद कच्चे मकानों का ढहना शुरू हो गया है. दरअसल, भाजीपानी सहित आसपास के गांव वेस्टर्न कोल्ड फील्ड्स लिमिटेड के अंतर्गत आते हैं. कई साल पहले इन गांवों के किनारे में अंडरग्राउंड कोयले की खदानें संचालित की जाती थीं. खदानों की भीतर ही भीतर से कोयला निकाल लिया गया. अब नीचे जमीन खोखली है.

खदानों के पास बसे हैं गांव : खदानों पास गांव बसे हैं. इसी कारण अब धीरे-धीरे इलाके की जमीन धसक रही है, जो कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है. खनिज नियमों के अनुसार निर्धारित खदानों से किसी भी प्रकार का खनिज उत्खनन करने के बाद चाहे वह ओपन कास्ट खदान हो या फिर अंडरग्राउंड खदानें उन्हें सुरक्षित किया जाता है या तो फिर उनमें दूसरे मलवा का पुराव किया जाता है लेकिन डब्लूसीएल द्वारा संचालित कोयला खदानों में अधिकतर खदानें ओपन कास्ट हो या फिर अंडरग्राउंड खुली पड़ी है, जिसके कारण ऐसे हादसे होते हैं.

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अचानक जमीन में दरारें भाजीपानी गांव में दहशत

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लोगों ने तंबुओं में डाला डेरा : वहीं, भाजीपानी में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि पहले जमीन में दरार आना शुरू हुईं. फिर धीरे-धीरे दरारें बड़ी हुईं और घर की दीवारें भी फटने लगी. यह देखकर लोगों में घबराहट हुई और लोग अपने घरों से बाहर निकाल कर तंबू में रहने लगे. परासिया एसडीएम पुष्पेंद्र निगम ने बताया कि जानकारी मिलते ही उन्होंने राजस्व अमले को जांच के लिए भेजा था. इसके साथ ही वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के महाप्रबंधक से भी बात की है. वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की टीम भी जाकर मौके का मुआयना करेगी.

Last Updated : Jan 4, 2024, 4:03 PM IST
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