छिन्दवाड़ा। "बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ तो ठीक है, लेकिन बेटी स्कूल जाए तो कैसे जाए ", ये कहना है नरसिंहपुर के घूरपुर की रहने वाली बेटियों का, जिनका सपना है कि वे भी पढ़ लिखकर कुछ कर सकें, लेकिन गांव की सीतारेवा नदी पुल नहीं होने से कमर तक पानी घुसकर नदी पार कर स्कूल पहुंचती है. उन्हें पढ़ाई के लिए अपनी जान तक जोखिम में डालना पड़ता है.
सीतारेवा नदी पर नहीं बना पुल: नरसिंहपुर के गाडरवारा शहर से लगा ग्राम घूरपुर की सीतारेवा नदी में आजादी के बाद से नदी में पुल नहीं बना, जिसकी वजह से गांव में रहने वाले लोग और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे-बच्चियां अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. इसके अलावा कई दफा नदी में बह जाने से गांव के कई लोगों की जान भी जा चुकी है. उसके बाद प्रदेश में कई सरकारें आईं और गई, लेकिन किसी ने नदी पर पुल नही बनाया. ग्रामीण कई बार इसकी गुहार जिम्मेदार अधिकारियों से भी लगा चुके हैं.
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बच्चों की जान जोखिम में, डर के साए में जी रहे परिवार: जब गांव की बेटे बेटियां नदी पार करके जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने जाते हैं, तो मां बाप के हलक सूखे रहते. कई गांव की बेटियां पढ़ना लिखना भी छोड़ देती है. गांव के ग्रामीण और सरपंच बताते हैं की बारिश के दिनों में इसी तरह जोखिम उठाकर आना जाना पड़ता है. पंचायत स्तर पर भी कई बार शासन प्रशासन को अवगत कराया गया लेकिन ना कभी कलेक्टर ने बरसाती नाले पर पुलिया बनवाने के लिए पहल की और ना ही कोई जनप्रतिनिधि आगे आया जिसके चलते यह हालात बने हुए हैं. ग्रामीणों ने खुद वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल भी किया है.