छिंदवाड़ा। अब वो दिन दूर नहीं जब छिंदवाड़ा में सड़कों पर लावारिश गौवंश खड़े दिखाई नहीं देंगे. असल में इसके पीछे नगर निगम की एक विशेष कार्ययोजना है, जिसके तहत इन गायों को आर्थिक रूप से उपयोगी बनाने के लिए एक कदम उठाया है. छिंदवाड़ा नगर निगम गौशाला में गौ मूत्र से गौमूत्र अर्क और गोबर से जैविक कीटनाशक बनाकर बेचने की तैयारी में है.
कांजी हाउस से बनी गौशाला में फिलहाल 125 पशुधन हैं, इससे यह जैविक कीटनाशक और गौमूत्र अर्क की मात्रा मांग की अपेक्षा काफी कम होगी इस कमी को पूरा करने के लिए निगम जनसामान्य से गौ मूत्र दस रुपये प्रति लीटर में खरीदेगी, इस वजह से बिना दूध देने वाले पशुओं की देखभाल अब उनके मालिक आर्थिक लाभ को देखते हुए जरूर करेंगे.
दूसरी कंपनियों जैसी वेब साइड की अपेक्षा इन सामग्रियों के दाम बहुत कम है. मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले की इस गौशाला में बहुत कुछ खास है. सभी पशुधन के कानों में आधार नंबर लिखा हुआ, जिससे निगम उसके मालिक तक आसानी से पहुंच सकता है.
गौमूत्र और गोबर की सहायता से गौमूत्र अर्क और वर्मीवाश जैविक कीटनाशक बनाया जा रहा है. ऑनलाइन बाजार में बिकने वाले कि अपेक्षा सामग्रियों के दाम बहुत कम हैं. गौ शाला कैम्पस से लगा पीछे की ओर चारागाह विकसित किया जा रहा है, इसमें पशु, निगम की मॉनिटरिग में घांस चरेंगें. बीमार और संक्रमित पशुओं को अलग शेड में रखने की व्यवस्था की गई, जिससे अन्य पशुओं को इस संक्रमण से बचाया जा सकता है.
गौ शाला में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इस गौशाला की तर्ज पर शेष 30 अन्य गौशालाओं को ऐसे ही विकसित किया जाएगा ताकि सभी गौशालाएं आत्मनिर्भर हो सकें. नगर निगम जनसामान्य से गौमूत्र दस रुपये प्रति लीटर में खरीदेगा इस वजह से बिना दूध देने वाले पशुओं की देखभाल अब उनके मालिक आर्थिक लाभ मिलता देख जरूर करेंगे.