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लॉकडाउन में शादी रुकवाने गई थाना प्रभारी दोषी करार, आदिवासी संस्कृति पर हस्तक्षेप का था आरोप

2 महीने पहले आदिवासी परिवार और थाना प्रभारी के साथ हुई मारपीट के मामले में महिला टीआई पुलिस की जांच में दोषी पाया गया है जिसके बाद एसपी ने तत्कालीन थाना प्रभारी प्रीति मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है.

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Published : Jul 23, 2021, 12:12 PM IST

TI Preeti Mishra
टीआई प्रीति मिश्रा

छिन्दवाड़ा। 12 मई 2021 को तामिया के मलालढाना गांव की टीआई प्रीति मिश्रा अपने अमले के साथ एक आदिवासी परिवार की शादी रुकवाने पहुंची थीं. उन्होंने लॉकडाउन नियमों का हवाला दिया लेकिन बात हाथा पाई से लाठी डंडों तक पहुंच गई. और खूब बवाल हुआ. इसी मसले पर जांच हुई और टीआई को दोषी पाया गया.

कम बाराती देख दुल्हन ने किया शादी से इनकार...दूल्हा भी कम नहीं

एडिशनल एसपी को सौंपी गई थी जांच
मामले को लेकर एसपी विवेक अग्रवाल ने जांच एडिशनल एसपी संजीव कुमार को सौंपी थी. करीब 26 दिनों से आदिवासी संगठन स्थानीय थाने के सामने धरने पर बैठे रहे. आदिवासी संगठन की मांग थी कि थाना प्रभारी प्रीति मिश्रा पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए. 2 महीने की जांच के बाद एडिशनल एसपी संजीव कुमार ऊइके ने जांच रिपोर्ट सौंपी. जिसमें प्राथमिक तौर पर प्रीति मिश्रा को दोषी पाया गया है प्रीति मिश्रा फिलहाल पुलिस लाइन अटैच कर दी गईं हैं. लेकिन अब रिपोर्ट ये आ रही है कि एसपी विवेक अग्रवाल ने गुरुवार देर रात उन्हें सस्पेंड कर दिया है.

क्या था मामला?
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के तहसील जुन्नारदेव से लगभग 32 किलोमीटर दूर तामिया थाना अंतर्गत ग्राम साजकुई में एक विवाह समारोह को रोकने पहुंचे प्रशासनिक अमले पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया. हमले में तहसीलदार सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और टीआई के सिर पर गंभीर चोटें आईं.

ग्राम पंचायत साजकुई के मलालढाना गांव में बगैर स्वीकृति के विवाह समारोह का आयोजन किया जा रहा था. समारोह में 200 से ज्यादा लोग मौजूद थे. जानकारी मिलने पर तामिया नगर निरीक्षक प्रीति मिश्रा पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे. उन्होंने लोगों से कोविड गाइडलाइन का हवाला देते हुए शादी समारोह रोकने को कहा. इसी बात पर ग्रामीण बौखला गए और उन्होंने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया.

तामिया अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छिंदवाड़ा रेफर किया गया. प्रशासनिक अमले के वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई, जिसमें ड्राइवर को भी चोट लगी. तामिया के तहसीलदार मनोज चौरसिया को भी ग्रामीणों के व्यवहार के चलते वहां से वापस लौटने पड़ा था.

आदिवासी संस्कृति पर हमले का आरोप
आदिवासी परिवार ने आरोप लगाया था कि थाना प्रभारी ने उनके घर पहुंचकर दुल्हन के साथ मारपीट की. उनका ये भी आरोप था कि टीआई ने उनके आदिवासी संस्कृति को भी ठेस पहुंचाई. उनके पूजा पाठ में विघ्न डाल कर. साथ ही टीआई और उनकी टीम ने भोजन कर रहे आदिवासियों की थालियों पर भी लात मारी थी जिसके बाद दोनों के बीच विवाद हुआ था.

18 लोगों को किया था गिरफ्तार
मामले के बाद तुरंत पुलिस ने आदिवासी परिवार के 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. ये सभी अभी जमानत पर रिहा हैं. जिसके बाद से ही लगातार आदिवासी संगठन और राजनीतिक दल इस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे और थाना प्रभारी पर एक्शन की मांग कर रहे थे.

छिन्दवाड़ा। 12 मई 2021 को तामिया के मलालढाना गांव की टीआई प्रीति मिश्रा अपने अमले के साथ एक आदिवासी परिवार की शादी रुकवाने पहुंची थीं. उन्होंने लॉकडाउन नियमों का हवाला दिया लेकिन बात हाथा पाई से लाठी डंडों तक पहुंच गई. और खूब बवाल हुआ. इसी मसले पर जांच हुई और टीआई को दोषी पाया गया.

कम बाराती देख दुल्हन ने किया शादी से इनकार...दूल्हा भी कम नहीं

एडिशनल एसपी को सौंपी गई थी जांच
मामले को लेकर एसपी विवेक अग्रवाल ने जांच एडिशनल एसपी संजीव कुमार को सौंपी थी. करीब 26 दिनों से आदिवासी संगठन स्थानीय थाने के सामने धरने पर बैठे रहे. आदिवासी संगठन की मांग थी कि थाना प्रभारी प्रीति मिश्रा पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए. 2 महीने की जांच के बाद एडिशनल एसपी संजीव कुमार ऊइके ने जांच रिपोर्ट सौंपी. जिसमें प्राथमिक तौर पर प्रीति मिश्रा को दोषी पाया गया है प्रीति मिश्रा फिलहाल पुलिस लाइन अटैच कर दी गईं हैं. लेकिन अब रिपोर्ट ये आ रही है कि एसपी विवेक अग्रवाल ने गुरुवार देर रात उन्हें सस्पेंड कर दिया है.

क्या था मामला?
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के तहसील जुन्नारदेव से लगभग 32 किलोमीटर दूर तामिया थाना अंतर्गत ग्राम साजकुई में एक विवाह समारोह को रोकने पहुंचे प्रशासनिक अमले पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया. हमले में तहसीलदार सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और टीआई के सिर पर गंभीर चोटें आईं.

ग्राम पंचायत साजकुई के मलालढाना गांव में बगैर स्वीकृति के विवाह समारोह का आयोजन किया जा रहा था. समारोह में 200 से ज्यादा लोग मौजूद थे. जानकारी मिलने पर तामिया नगर निरीक्षक प्रीति मिश्रा पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे. उन्होंने लोगों से कोविड गाइडलाइन का हवाला देते हुए शादी समारोह रोकने को कहा. इसी बात पर ग्रामीण बौखला गए और उन्होंने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया.

तामिया अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छिंदवाड़ा रेफर किया गया. प्रशासनिक अमले के वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई, जिसमें ड्राइवर को भी चोट लगी. तामिया के तहसीलदार मनोज चौरसिया को भी ग्रामीणों के व्यवहार के चलते वहां से वापस लौटने पड़ा था.

आदिवासी संस्कृति पर हमले का आरोप
आदिवासी परिवार ने आरोप लगाया था कि थाना प्रभारी ने उनके घर पहुंचकर दुल्हन के साथ मारपीट की. उनका ये भी आरोप था कि टीआई ने उनके आदिवासी संस्कृति को भी ठेस पहुंचाई. उनके पूजा पाठ में विघ्न डाल कर. साथ ही टीआई और उनकी टीम ने भोजन कर रहे आदिवासियों की थालियों पर भी लात मारी थी जिसके बाद दोनों के बीच विवाद हुआ था.

18 लोगों को किया था गिरफ्तार
मामले के बाद तुरंत पुलिस ने आदिवासी परिवार के 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. ये सभी अभी जमानत पर रिहा हैं. जिसके बाद से ही लगातार आदिवासी संगठन और राजनीतिक दल इस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे और थाना प्रभारी पर एक्शन की मांग कर रहे थे.

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