छिन्दवाड़ा। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ाई करने के लिए व्यवस्था नहीं है. एमपी बोर्ड से संचालित स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने के लिए विद्यार्थियों को निजी स्कूलों की ओर अपना रुख करना होता है. वहीं दूसरी ओर जिन एक-दो स्कूलों में इन क्लासों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है वहां पर पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं. जिला मुख्यालय के MLB स्कूल में कक्षा नवमीं से ग्यारहवीं तक एक-एक कक्षाएं अंग्रेजी माध्यम की लगती जरुर हैं लेकिन शासन से स्वीकृति नहीं मिली है. अकेले एक्सीलेंस स्कूल में अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं हैं लेकिन यहां पर सीमित सीट होने के कारण विद्यार्थियों को भटकना पड़ता है. सबसे ज्यादा समस्या क्लास 9th में एडमिशन की होती है.
MLB स्कूल में कक्षाएं शुरू पर शिक्षक नहीं: एमएलबी स्कूल में कक्षा नवमीं से बारहवीं तक कुल 1350 छात्राएं पढ़ती हैं. इन 3 क्लासेस में तकरीबन 175 छात्राएं अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रही हैं. लेकिन इन्हे पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है. हालात यह है कि शासन से पुस्तकें नहीं मिल रही हैं जिसके कारण कई बार स्कूल से ही खरीदकर इनकी पढ़ाई कराई जाती है. दरअसल इस स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई तो शुरू कर दी गई है लेकिन इसके लिए स्वीकृति नहीं ली गई है.
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एक्सीलेंस स्कूल के ऐसे हैं हाल: सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं और 10वीं में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने के बाद 11वीं में एडमिशन के लिए स्कूल नहीं है. जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा में एकमात्र शासकीय एक्सीलेंस स्कूल है. यहां अंग्रेजी माध्यम में एडमिशन मिलता है लेकिन लिमिटेड सीट हैं जिसके कारण मुश्किल से चुनिंदा बच्चों का ही एडमिशन हो पाता है. यहां कक्षा 11वीं में पांच संकायों के अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है. इस स्कूल में पांचों संकाय की 165 सीटें हैं, जिसके कारण सीमित विद्यार्थियों को एडमिशन मिल पाता है, मगर यहाँ भी समस्या वही है कि अंग्रेजी भाषा में पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी है.
अंग्रेजी के लिए नहीं है सरकारी स्कूल,निजी स्कूल हुए महंगे: पिछले तीन सत्रों में जिला मुख्यालय के एमएलबी उच्चतर माध्यमिक और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नोनिया करबल में नौवीं दसवीं की कक्षाएं शुरू की हैं. लेकिन यहां पर पढ़ाने के लिए शिक्षक और पुस्तकें तक नहीं हैं. यानी कक्षाएं शुरू जरूर कर दी गई हैं लेकिन पढ़ाने वाले शिक्षक और पुस्तकों का अभी तक अता पता नहीं है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे पढ़ाई में मजबूत होने के बाद एज्यूकेशन से वंचित रह रहे हैं.
अधिकारी बोले प्रशासन तय करता है स्कूलों और सीटों की संख्या: एमएलबी स्कूल के प्रिंसिपल भारत सोनी का कहना है कि पिछले तीन सत्र से एमएलबी स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है. पद स्वीकृत नहीं होने से हमारे जो शिक्षक हैं उन्हीं के जरिए पढ़ाई कराई जाती है. इस मामले हमने विभाग को जानकारी भेजी है. जिला शिक्षा अधिकारी जीएस बघेल का कहना है कि उत्कृष्ट विद्यालय में सीमित सीटें हैं, प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन मिलता है और अंग्रेजी माध्यमिक स्कूल खोलने का सरकार पर निर्भर है.