छिंदवाड़ा। जिले के कॉलेजों में पढ़ने वाले आरक्षित वर्ग के 6 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप से वंचित हैं. 2 साल से शासकीय और अशासकीय कॉलेज प्रबंधनों की लापरवाही के चलते छात्राएं लाखों रुपए की छात्रवृत्ति से महरूम रह गए हैं. साल 2021-22 में प्रवेशित स्टूडेंट्स के आवेदन स्वीकृत तो हो चुके हैं, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते स्टूडेंट्स के खातों में स्कॉलरशिप की राशि नहीं पहुंच पा रही है.
कॉलेजों के चक्कर काटने को मजबूर छात्र: जिले की 172 शैक्षणिक संस्थाओं में उच्च शिक्षा ले रहे आरक्षित वर्ग के 26 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स अध्ययनरत हैं. साल 2021-22 में शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश लेने के बाद शिक्षा सत्र पूरा कर चुके हैं. इसके बावजूद 6 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को अब तक स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है (Chhindwara scholarship student problem). कॉलेजों के चक्कर लगाने के बाद स्टूडेंट्स सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायतों की कतार लगा चुके हैं. विभाग से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक एसटी, एससी और ओबीसी के कई स्टूडेंट्स स्कॉलरशिप से वंचित हैं.
तकनीकी खामियां के चलते आ रही परेशानी: राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय के कुलसचिव का कहना है कि, तकनीकी खामियां के चलते स्टूडेंट के खातों में स्कॉलरशिप नहीं पहुंचे हैं. सबसे ज्यादा जो दिक्कतें आ रही हैं, उनमें कुछ स्टूडेंट ने आवेदन के बाद आधार अपडेट कराया होगा या फिर अपडेट मोबाइल नंबर को खाते से लिंक नहीं कराया गया है. कुछ संस्था द्वारा विभाग को प्रस्ताव देरी से भेजे गए हैं, और जिस आधार से बैंक के खाते लिंक हैं वो बंद हो गए हैं, इन वजह से स्कॉलरशिप नहीं मिल पाई है.
ओबीसी वर्ग के स्टूडेंट्स का स्टेटस: अन्य पिछड़ा वर्ग के स्टूडेंट के कुल 14 हजार 292 आवेदन स्कॉलरशिप के लिए भरे गए थे. इसमें से 13 हजार 608 स्वीकृत हुए हैं. इनमें से 7 हजार 943 स्टूडेंट को स्कॉलरशिप मिली है. वहीं 5 हजार 665 स्टूडेंट अभी भी स्कॉलरशिप से वंचित हैं.
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एससी वर्ग के स्टूडेंट्स का स्टेटस: ऐसा ही हाल एससी वर्ग के बच्चों का है. इसमें 3 हजार 601 स्टूडेंट ने स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया था, जिसमें से 3 हजार 434 स्टूडेंट की स्कॉलरशिप स्वीकृत हुई है. 3 हजार 8 स्टूडेंट स्कॉलरशिप के लिए हैं, इसमें 426 स्टूडेंट अभी भी स्कॉलरशिप के इंतजार में हैं.
एसटी वर्ग के स्टूडेंट्स का स्टेटस: एसटी वर्ग के 6 हजार 713 स्टूडेंट ने आवेदन किया, जिसमें 6 हजार 576 स्टूडेंट के आवेदन स्वीकार किए गए. वहीं 5 हजार 999 छात्रों को स्कॉलरशिप मिली है. कुल 585 छात्र अभी भी स्कॉलरशिप के इंतजार में हैं. छात्रों ने बताया कि ''वे स्कॉलरशिप नहीं मिलने से पढ़ाई छोड़ने को भी मजबूर हो रहे हैं(Chhindwara students deprived of education)''. अधिकतर छात्र आदिवासी बाहुल्य इलाके से आते हैं, जिनके लिए शहर में रहकर पढ़ाई करना और किराए के मकान के साथ ही अन्य खर्चे भी जरूरी होते हैं. ऐसे कई छात्र हैं जो सिर्फ स्कॉलरशिप के भरोसे ही पढ़ाई कर रहे हैं. स्कॉलरशिप नहीं आने से आगे की पढ़ाई में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.