छिंदवाड़ा। अगर आप बर्ड लवर हैं या आपको घूमना पसंद हैं, तो बैग पैक करिए और पहुंच जाइए मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा. जी हां छिंदवाड़ा अब पक्षी प्रेमी और पर्यटकों के लिए नया डेस्टिनेशन पॉइंट बन गया है. दरअसल एमपी के छिंदवाड़ा में अलग-अलग 198 प्रकार के पक्षियों की प्रजाति पाई जाती है, इसमें व्हाइट ब्राउड बुलबुल, मालाबार व्हिसलिंग थ्रश जैसे कई पक्षी हैं, जो पर्यटकों खासे पसंद आएंगे.
पहले बर्ड सर्वे में मिले कई पक्षी: पश्चिम वनमंडल के डीएफओ ईश्वर जरांडे ने बताया कि, "जिले का पहला बर्ड सर्वे हुआ हैं, जिसमें 198 प्रकार के पक्षियों की प्रजाति मिली हैं. दिसंबर माह में हुए बर्ड सर्वे के बाद अब इसे ग्रीष्म ऋतु में भी सर्वे कराया जाएगा, जिले में हुए जिले के पहले बर्ड सर्वे के इस परिणाम ने वन अधिकारियों और वॉलेंटियर्स को उत्साहित किया है. विंटर के बर्ड सर्वे की खास बात यह रही है कि इसमें माचागोरा डेम के आसपास कई नई प्रजातियों के पक्षियों की पहचान हुई, जो आने वाले समय पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण साबित होगीं. सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किए गए डेटा से वन विभाग को बेहतर वन नीतियों के निर्माण में मदद मिलेगी."
ऐसे मिले पक्षी, चार दिनों तक हुआ बर्ड सर्वे
- विन्टर मिग्रेन्ट यानी शीतकालीन प्रवासी पक्षी- 30 फीसदी.
- रेसीडेंट यानी स्थानीय निवासी पक्षी- 60 फीसदी.
- लोकल मिगरेन्ट यानी स्थानीय प्रवासी पक्षी- 10 फीसदी.
- वाटर बर्ड प्रजाति के पक्षी माचागोरा डेम में मिले हैं.
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198 प्रकार के पक्षियों में क्या है खास:
- मालाबार व्हिसलिंग थ्रश परिवार में एक सीटी बजाने वाला थ्रश है, चिड़िया को सीटी बजाने वाला स्कूली छात्र कहा जाता है.
- स्कार्लेट मिनिवेट एक छोटा राहगीर पक्षी है, यह मिनीवेट उष्णकटिबंधीय दक्षिणी एशिया में पूर्वोत्तर भारत से दक्षिणी चीन में पाया जाता है.
- इंडियन स्कोप आउल, इस पक्षी का चेहरा गहरी भूरी लाइन के बॉर्डर से बना होता है.
- व्हाइट ब्राउड बुलबुल, सफेद भूरे रंग का बुलबुल राहगीर पक्षियों के बुलबुल परिवार का सदस्य है.
- माचागोरा, डेम में इंडियन स्पॉट बील्ड डक मिला है.
दुर्गम पहाड़ियों से मिले पक्षी: पश्चिम वनमंडल और ओरिएंटल ट्रेल्स के द्वारा यह सर्वे 1 से 4 दिसंबर तक किया गया था, इसके लिए वन विभाग के जंगलों के अलावा तामिया, पातालकोट के क्षेत्र, माचागोरा डेम के आसपास का हिस्सा, कन्हान नदी के पास सहित अन्य क्षेत्रों में पाई जाने वाले पक्षियों की प्रजातियों का सर्वे टीम ने किया था. इस बर्ड सर्वे के लिए 24 वॉलेंटियर का चयन हुआ था, जिन्होंने सर्वे किया था. 4 दिनों के सर्वेक्षण के लिए विभाग ने जंगल के भीतर 5 से 6 स्थानों का चयन किया था, बर्ड सर्वे के लिए आई टीम ने जंगलों की दुर्गम पहाड़ियों और अन्य क्षेत्रों में पहुंचकर पक्षी की प्रजातियों को चिन्हित किया था.
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50 से ज्यादा प्रजाति की तितलियां: छिंदवाड़ा जिले के वनों में 9 ट्रेल्स पर पश्चिम छिन्दवाडा वनमंडल द्वारा वाइल्ड वारियर्स के साथ मिलकर तितलियों की प्रजातियों का भी सर्वेक्षण किया गया था, सर्वेक्षण के दौरान तितलियों की लगभग 50 से 55 प्रजातियों की पहचान की गई और कुछ दुर्लभ प्रजातियों को भी देखा गया. इस 2 दिवसीय सर्वेक्षण में मुख्य खोज दो तितलियों लार्ज ओक ब्लू एवं पेंटेड लेडी रहीं जो प्रथम बार तामिया में देखी गई थी.