छिंदवाड़ा। जिले के चरईकला इकलहरा और लिखावाड़ी के किसान को बैंक में बिना खाते और ऋण लिए कर्जदार बनाने का मामला सामने आया है. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की परासिया शाखा की चरईकला इकलहरा और लिखावाड़ी के कई किसानों के खातों में अचानक कर्ज दिखाई देने लगा. जिससे किसानों के होश उड़ गए. पीड़ित हेमराज यदुवंशी ने बताया कि वह लिखवाड़ी गांव में रहते हैं, उनकी 10 एकड़ जमीन है, उन्होंने अभी तक 1 रुपए का भी कर्ज नहीं लिया लेकिन उनके रिकॉर्ड में 3 लाख का कर्ज बताया जा रहा है. ऐसे ही करीब 300 से ज्यादा किसान हैं जिनके खातों में अचानक कर्ज दिखाया जा रहा है.
सिपाही को भी बना दिया कर्जदार: चरईकला के रहने वाले गुड्डू कुमार यदुवंशी ने बताया कि वह भारतीय सेना में पदस्थ हैं और देश की सीमा पर ड्यूटी कर रहे थे. अचानक उनको पता चला है कि सेवा सहकारी समिति ने उन्हें कर्जदार बना दिया है. भारतीय सेना से छुट्टी लेकर अपने दस्तावेज सुधार कराने के लिए छिंदवाड़ा पहुंचे. उन्होंने इस मामले में कलेक्टर से जांच की मांग की है.
अधिकारियों ने दिया आश्वासन, शिकायत का होगा निराकरण: इस मामले में जिला सहकारी बैंक के जनरल मैनेजर केके सोनी ने बताया है कि ''चांदामेटा और परासिया के 2 किसानों ने करीब 1 सप्ताह पहले इस तरह की शिकायत की थी, जांच में सामने आया है कि एक जैसे नामों की वजह से ऑपरेटर ने गलत रिकॉर्ड दर्ज कर दिया था, जिसे सुधार दिया गया है. जिले की सभी शाखा व समिति प्रबंधकों को रिकॉर्ड की जांच कर गलती होने पर सुधार के निर्देश दिए गए हैं''. वहीं सहकारी समितियों के प्रशासक आरके कामले ने बताया कि ''परासिया बैंक शाखा से जुड़ी आठ समितियां हैं, इनमें से चांदामेटा के एक पीड़ित किसान की शिकायत की जांच में यह बात सामने आई है, इसका निराकरण किया जाएगा''.