छिंदवाड़ा। पांढुर्णा तहसील में मवेशियों पर लंपि स्किन बीमारी ने अटैक कर दिया है. आलम यह है कि इस बीमारी का प्रकोप 50 से ज्यादा गांव के मवेशियों में फैला गया है, जिसे देख पशु विभाग की टीम भी हैरान है. इस बीमारी के कारण लगातार मवेशियों की मौत भी हो रही है.
लंपि स्किन बीमारी, घातक बीमारी का प्रकोप छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में तेजी से फैल रहा है, जिसके कारण मवेशियों की मौतें हो रही है. इस बीमारी से मवेशियों बचाने में पशु विभाग और किसानों के पसीने छूट रहे हैं.
बनती हैं गांठे, निकलते हैं कीड़े
पशु चिकित्सक डॉ. डिगरसे के मुताबिक मवेशियों के शरीर पर सबसे पहले गोल आकार की एक छोटी सी गांठ बनती हैं और दूसरे दिन वह गांठ फूटती हैं. जब यह गांठ फूटती हैं तो इतनी तेजी से कीड़े पूरे शरीर में फैल जाते हैं, जिससे मवेशी चारा खाना बंद कर देते हैं और उनकी हालत बिगड़ने लगती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी सबसे ज्यादा मच्छर और मक्खियों से फैल रही है, जो एक दूसरे पर अटैक कर रही है.
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा से हुई शुरुआत
पशु चिकित्सक डॉ केतन पांडे बताते हैं कि लंपि स्किन बीमारी की दस्तक मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा के पास बसे बड़चिचोली गांव से शुरू हुई है, जिसका कहर पूरे क्षेत्र के 50 से ज्यादा गांव में इस बीमारी के प्रकोप के रुप में फैला हुआ है. अगर पशु विभाग ने इस घातक बीमारी का इलाज नहीं किया तो मवेशियों की मौत भी हो सकती है. वहीं इस बीमारी से पशु विभाग के डॉक्टर भी हैरान है की इन मवेशियों का इलाज कैसे करें. हालांकि, डॉक्टर की टीम लगातार इस बीमारी से ग्रसित मवेशियों का इलाज कर रही है, लेकिन फिर भी यह बीमारी तेजी से फैल रही है.
देसी इलाज कर रहे पालक
किसान बताते हैं कि इस घातक बीमारी की रोकथाम के लिए डॉक्टर की सलाह पर इलाज किया जा रहा है. वहीं देसी इलाज के तौर पर घाव वाली जगह पर हल्दी, काली मिर्च, गुड़ और नीम के पत्तों को मिलाकर सुबह-शाम बीमार मवेशियों को खिलाया जा रहा हैं, जिससे कुछ हद तक जख्म कम हो रहे हैं.
विधायक और कलेक्टर के निर्देश पर कैंप शुरू
पांढुर्णा क्षेत्र में तेजी से फैल रहे लंपि स्किन बीमारी की दस्तक और लगातार मवेशियों की मौत को देखते हुए विधायक नीलेश उइके ने छिंदवाड़ा कलेक्टर सौरभ सुमन को पत्र लिखकर हर एक गांव में कैंप लगाने की मांग की है, जिससे बीमार मवेशियों के इलाज हो सके.