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रिश्वतखोर ASI को न्यायालय ने सुनाई चार साल की सजा

छिंदवाड़ा कोर्ट ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एक एएसआई बोध सिंह चंजदेल को चार साल की सजा और जुर्माना लगाया गया है.

District Court Chhindwara
जिला कोर्ट छिंदवाड़ा
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Published : Jan 20, 2021, 10:58 PM IST

छिंदवाड़ा। कोर्ट ने रिश्वत लेने के आरोपी को चार साल की सजा सुनाई है. दरअसल मारपीट के एक मामले में चालान पेश करने के लिए फरियादी से पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. जिसके बाद फरियादी की शिकायत पर चौरई थाने के एएसआई बोध सिंह चंजदेल को चार साल की सजा और जुर्माना लगाया गया है. साल 2014 में एएसआई को जबलपुर लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. प्रार्थी इंद्र कुमार वर्मा द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को लिखित शिकायती आवेदन दिया था, जिसमें बताया गया था कि करीब एक माह पहले उसके पिता एवं भाइयों का झगड़ा गांव के ही देवीलाल से हुआ था. देवीलाल की रिपोर्ट पर उसके पिता लेखू वर्मा, भाई जय कुमार वर्मा एवं चाचा जय राम वर्मा के विरुद्ध हिवरखेड़ी में मारपीट का मामला दर्ज हो गया था, जिसकी जांच चौरई थाने के एएसआइ बोध सिंह चंदेल कर रहे थे. बोध सिंह चंदेल द्वारा चालान पेश करने के लिए 5 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई थी.

रिश्वत की मांग करने पर प्रार्थी द्वारा लोकायुक्त जबलपुर को शिकायत की गई थी. प्रार्थी के शिकायत आवेदन पत्र पर प्रार्थी को रिश्वत मांगने संबंधी वार्ता टेप करके लाने हेतु वाइस रिकार्डर दिया गया. प्रार्थी ने रिश्वत मांगने संबंधी वार्ता रिकार्ड कर सूचना निरीक्षक अजय सनकत को दी. जिसमें प्रार्थी से रिश्वत की मांग संबंधी तथ्यों की पुष्टि होने पर बोध सिंह चंदेल को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था.

4 साल की न्यायालय ने सुनाई सजा

बुधवार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा प्रकरण में अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों पर विचार करने के बाद एएसआइ बोध सिंह चंदेल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत अपराध में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये अर्थदंड एवं चार वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया. इसके साथ ही जुर्माना अदा न करने की दशा में पर 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया गया है.

अपराधी को न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल, छिंदवाड़ा भेजा गया. प्रकरण में दौरान विचारण फरियादी इंद्रकुमार वर्मा द्वारा न्यायालयीन प्रक्रिया से हट जाने पर भी प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी समीर कुमार पाठक द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई. अभियोजन द्वारा प्रस्तुत विधिक तर्कों एवं सुसंगत साक्ष्यों से सहमत होकर न्यायालय द्वारा सजा दी गई.

छिंदवाड़ा। कोर्ट ने रिश्वत लेने के आरोपी को चार साल की सजा सुनाई है. दरअसल मारपीट के एक मामले में चालान पेश करने के लिए फरियादी से पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी. जिसके बाद फरियादी की शिकायत पर चौरई थाने के एएसआई बोध सिंह चंजदेल को चार साल की सजा और जुर्माना लगाया गया है. साल 2014 में एएसआई को जबलपुर लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. प्रार्थी इंद्र कुमार वर्मा द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को लिखित शिकायती आवेदन दिया था, जिसमें बताया गया था कि करीब एक माह पहले उसके पिता एवं भाइयों का झगड़ा गांव के ही देवीलाल से हुआ था. देवीलाल की रिपोर्ट पर उसके पिता लेखू वर्मा, भाई जय कुमार वर्मा एवं चाचा जय राम वर्मा के विरुद्ध हिवरखेड़ी में मारपीट का मामला दर्ज हो गया था, जिसकी जांच चौरई थाने के एएसआइ बोध सिंह चंदेल कर रहे थे. बोध सिंह चंदेल द्वारा चालान पेश करने के लिए 5 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई थी.

रिश्वत की मांग करने पर प्रार्थी द्वारा लोकायुक्त जबलपुर को शिकायत की गई थी. प्रार्थी के शिकायत आवेदन पत्र पर प्रार्थी को रिश्वत मांगने संबंधी वार्ता टेप करके लाने हेतु वाइस रिकार्डर दिया गया. प्रार्थी ने रिश्वत मांगने संबंधी वार्ता रिकार्ड कर सूचना निरीक्षक अजय सनकत को दी. जिसमें प्रार्थी से रिश्वत की मांग संबंधी तथ्यों की पुष्टि होने पर बोध सिंह चंदेल को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था.

4 साल की न्यायालय ने सुनाई सजा

बुधवार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा प्रकरण में अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों पर विचार करने के बाद एएसआइ बोध सिंह चंदेल को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत अपराध में दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये अर्थदंड एवं चार वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया. इसके साथ ही जुर्माना अदा न करने की दशा में पर 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया गया है.

अपराधी को न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल, छिंदवाड़ा भेजा गया. प्रकरण में दौरान विचारण फरियादी इंद्रकुमार वर्मा द्वारा न्यायालयीन प्रक्रिया से हट जाने पर भी प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी समीर कुमार पाठक द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई. अभियोजन द्वारा प्रस्तुत विधिक तर्कों एवं सुसंगत साक्ष्यों से सहमत होकर न्यायालय द्वारा सजा दी गई.

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