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छिंदवाड़ा के लिए ऐतिहासिक रहा साल 2019, दो 'नाथों' का मिला साथ

महज पांच दिन बाद साल 2019 बीत जाएगा, यह साल छिंदवाड़ा के लिए ऐतिहासिक रहा. क्योंकि यहां से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ ने कमान संभाली और कांग्रेस का इकलौता सांसद इसी सीट से संसद तक पहुंचा.

2019 was a historic year for Chhindwara
छिंदवाड़ा के लिए ऐतिहासिक रहा साल 2019
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Published : Dec 26, 2019, 8:49 AM IST

छिंदवाड़ा। 5 दिन बाद साल 2019 अलविदा हो जाएगा. छोड़ जाएगा तो सिर्फ खट्टी मीठी यादें. 2019 के दौरान देश के दिल में कई बदलाव हुए. राजनीति से लेकर खेल और दावों से लेकर वादों को लेकर मध्यप्रदेश चर्चा में रहा. छिंदवाड़ा को इस साल दो नाथ मिले. पहले ने सूबे की कमान संभाली तो दूसरा पहली बार देश की सबसे बड़ी पंचायत तक पहुंचा. बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ की.

2019 में छिंदवाड़ा कांग्रेस के लिए अहम साल साबित हुआ. यहां से पिता की विरासत को अपने कंधों पर लेकर नकुलनाथ सांसद बने, जबकि खुद कमलनाथ पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने और छिंदवाड़ा सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की. कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का कहना है कि वह मध्यप्रदेश में कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं इसलिए विकास की रफ्तार और तेज होगी.

छिंदवाड़ा के लिए ऐतिहासिक रहा साल

मोदी लहर के बाद भी छिंदवाड़ा पर कांग्रेस ने मारी बाजी
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में बीजेपी का दबदबा रहा. 29 में से 28 सीटों पर बीजेपी ने परचम लहराया था. छिंदवाड़ा ही एक सीट ऐसी थी जहां से कांग्रेस का प्रत्याशी जीता. नकुलनाथ यहां से संसद तक पहुंचे और कांग्रेस की लाज बचाई. खास बात यही है कि कमलनाथ की पकड़ के चलते छिंदवाड़ा में मोदी मैजिक नहीं चल पाया.

स्वास्थ्य और शिक्षा का हब बनाने पर जोर
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ किया. हालांकि मेडिकल कॉलेज को लेकर भाजपा और कांग्रेस में हमेशा श्रेय की राजनीति चलती रही है. छिंदवाड़ा को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश का सबसे ज्यादा बजट वाला मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल छिंदवाड़ा में बन रहा है. तो वहीं नकुल नाथ ने युवाओं पर ध्यान देते हुए छिंदवाड़ा में विश्वविद्यालय खुलवाने में अहम भूमिका निभाई.

छिंदवाड़ा। 5 दिन बाद साल 2019 अलविदा हो जाएगा. छोड़ जाएगा तो सिर्फ खट्टी मीठी यादें. 2019 के दौरान देश के दिल में कई बदलाव हुए. राजनीति से लेकर खेल और दावों से लेकर वादों को लेकर मध्यप्रदेश चर्चा में रहा. छिंदवाड़ा को इस साल दो नाथ मिले. पहले ने सूबे की कमान संभाली तो दूसरा पहली बार देश की सबसे बड़ी पंचायत तक पहुंचा. बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ की.

2019 में छिंदवाड़ा कांग्रेस के लिए अहम साल साबित हुआ. यहां से पिता की विरासत को अपने कंधों पर लेकर नकुलनाथ सांसद बने, जबकि खुद कमलनाथ पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने और छिंदवाड़ा सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में जीत हासिल की. कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का कहना है कि वह मध्यप्रदेश में कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं इसलिए विकास की रफ्तार और तेज होगी.

छिंदवाड़ा के लिए ऐतिहासिक रहा साल

मोदी लहर के बाद भी छिंदवाड़ा पर कांग्रेस ने मारी बाजी
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में बीजेपी का दबदबा रहा. 29 में से 28 सीटों पर बीजेपी ने परचम लहराया था. छिंदवाड़ा ही एक सीट ऐसी थी जहां से कांग्रेस का प्रत्याशी जीता. नकुलनाथ यहां से संसद तक पहुंचे और कांग्रेस की लाज बचाई. खास बात यही है कि कमलनाथ की पकड़ के चलते छिंदवाड़ा में मोदी मैजिक नहीं चल पाया.

स्वास्थ्य और शिक्षा का हब बनाने पर जोर
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ किया. हालांकि मेडिकल कॉलेज को लेकर भाजपा और कांग्रेस में हमेशा श्रेय की राजनीति चलती रही है. छिंदवाड़ा को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश का सबसे ज्यादा बजट वाला मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल छिंदवाड़ा में बन रहा है. तो वहीं नकुल नाथ ने युवाओं पर ध्यान देते हुए छिंदवाड़ा में विश्वविद्यालय खुलवाने में अहम भूमिका निभाई.

Intro:स्पेशल असाइनमेंट अलविदा 2019

छिंदवाड़ा। साल 2019 छिंदवाड़ा में कांग्रेस की राजनीति के लिए भी अहम रहा 40 सालों से छिंदवाड़ा का संसद में प्रतिनिधित्व कर रहे कमलनाथ जहां पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े तो वही उनके बेटे नकुल नाथ ने लोकसभा में उनकी विरासत संभाली।


Body:छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी विरासत को बड़े बेटे नकुल नाथ ने संभाली और छिंदवाड़ा से वे सांसद बने खुद कमलनाथ कहते हैं कि अब छिंदवाड़ा में एक नहीं दो दो नाथ हैं इसलिए विकास की रफ्तार दोगुनी होगी।

मप्र से एकमात्र काँग्रेस के सांसद हैं नकुलनाथ।

2019 के लोकसभा चुनाव मोदी लहर के चलते जहां मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में 28 लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में गई तो वही छिंदवाड़ा की एकमात्र लोकसभा सीट पर अपने बेटे को जिताने में कामयाब रहे सीएम कमलनाथ छिंदवाड़ा से बेटे नकुल नाथ ने जीत दर्ज कर प्रदेश भर में कांग्रेस की लाज बचाई।

मेडिकल और शिक्षा का हब बनाने पर जोर

कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ किया हालांकि मेडिकल कॉलेज को लेकर भाजपा और कांग्रेस में हमेशा श्रेय की राजनीति चलती रही है छिंदवाड़ा को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रदेश का सबसे ज्यादा बजट वाला मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल छिंदवाड़ा में बन रहा है तो वही नकुल नाथ ने युवाओं पर ध्यान देते हुए छिंदवाड़ा में विश्वविद्यालय खुलवाने में अहम भूमिका निभाई।


Conclusion:साल 2019 छिंदवाड़ा के लिए राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष छिंदवाड़ा से मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा से और मध्य प्रदेश के एकमात्र कांग्रेस के सांसद भी छिंदवाड़ा से और एक कांग्रेस के लिए भी किसी इतिहास से कम नहीं है।
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