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पुष्कर ही नहीं खजुराहो में भी विराजमान हैं ब्रह्मदेव, मंदिर के शिवलिंग पर उकेरी गई है आकृति - प्राचीनतम

राजस्थान के पुष्कर में दुनिया का एकमात्र ब्रह्मदेव का मंदिर है, जिसके बारे में सभी जानते हैं लेकिन खजुराहो में भी एक शिव ब्रह्म मंदिर है, इस मंदिर में भगवान शिव और ब्रह्मदेव की आकृति बनी हुई है.

खजुराहो का शिवब्रह्मा मंदिर
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Published : Aug 8, 2019, 3:20 PM IST

छतरपुर। राजस्थान के पुष्कर में भगवान ब्रह्म का इकलौता मंदिर है, जहां पर उनकी पूजा की जाती है, इसके अलावा पूरी दुनिया में कहीं पर भी भगवान ब्रह्मा का कोई मंदिर नहीं है और ना ही उनकी पूजा की जाती है. लेकिन विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में एक ऐसा शिव ब्रह्मा मंदिर है, जहां मान्यताओं के मुताबिक पूजा करने से भगवान शिव और ब्रह्मदेव की पूजा फल मिलता है. इस मंदिर को लोग भगवान ब्रह्मदेव का ही मानते हैं लेकिन इस मंदिर में भगवान शिव का एक बड़ा शिवलिंग मौजूद है, जिसके चारों ओर ब्रह्मदेव के चार मुख की आकृति बनी है यही वजह है कि स्थानीय लोग इसे ब्रह्मदेव के मंदिर के रूप में मानते हैं. बता दें कि मंदिर ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ है और खजुराहो के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है.

खजुराहो में विराजे ब्रह्मदेव
खजुराहो के अधिकृत गाइड श्याम रजक बताते हैं कि वैसे तो यह शिव मंदिर है लेकिन विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है इसमें शिवलिंग के साथ ब्रह्मदेव की आकृति उकेरी गई हैं

जानकारी के मुताबिक अन्य जगहों के मुकाबले यहां पर्यटक कम आते हैं, ये मंदिर पुरातत्व विभाग एवं पर्यटकों की उपेक्षा का शिकार हो रहा है, अगर ठीक से इस मंदिर का प्रचार-प्रसार किया जाए तो खजुराहो में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है

छतरपुर। राजस्थान के पुष्कर में भगवान ब्रह्म का इकलौता मंदिर है, जहां पर उनकी पूजा की जाती है, इसके अलावा पूरी दुनिया में कहीं पर भी भगवान ब्रह्मा का कोई मंदिर नहीं है और ना ही उनकी पूजा की जाती है. लेकिन विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में एक ऐसा शिव ब्रह्मा मंदिर है, जहां मान्यताओं के मुताबिक पूजा करने से भगवान शिव और ब्रह्मदेव की पूजा फल मिलता है. इस मंदिर को लोग भगवान ब्रह्मदेव का ही मानते हैं लेकिन इस मंदिर में भगवान शिव का एक बड़ा शिवलिंग मौजूद है, जिसके चारों ओर ब्रह्मदेव के चार मुख की आकृति बनी है यही वजह है कि स्थानीय लोग इसे ब्रह्मदेव के मंदिर के रूप में मानते हैं. बता दें कि मंदिर ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ है और खजुराहो के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है.

खजुराहो में विराजे ब्रह्मदेव
खजुराहो के अधिकृत गाइड श्याम रजक बताते हैं कि वैसे तो यह शिव मंदिर है लेकिन विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है इसमें शिवलिंग के साथ ब्रह्मदेव की आकृति उकेरी गई हैं

जानकारी के मुताबिक अन्य जगहों के मुकाबले यहां पर्यटक कम आते हैं, ये मंदिर पुरातत्व विभाग एवं पर्यटकों की उपेक्षा का शिकार हो रहा है, अगर ठीक से इस मंदिर का प्रचार-प्रसार किया जाए तो खजुराहो में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है

Intro:आप सभी ने पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर के बारे में जरूर सुना होगा लेकिन खजुराहो का एक शिव ब्रह्म मंदिर दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान शिव के शिवलिंग के साथ ब्रह्मदेव मौजूद हैं!


Body:पुष्कर में भगवान ब्रह्म का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर उनकी पूजा की जाती है इसके अलावा पूरी दुनिया में कहीं पर भी भगवान ब्रह्मा देव का कोई मंदिर नहीं है और ना ही उनकी पूजा की जाती है लेकिन विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में एक ऐसा शिव ब्रह्मा मंदिर है जिसे पूजने पर भगवान शिव एवं ब्रह्मदेव को पूजने का पुण्य प्राप्त होता है!

वैसे तो लोग इस मंदिर को भगवान ब्रह्मदेव का ही मानते हैं लेकिन इस मंदिर के अंदर भगवान शिव का एक बड़ा सा शिवलिंग मौजूद है जिसके चारों ओर ब्रह्मदेव के चार मुख बने हुए हैं यही वजह है कि स्थानीय लोग इसे ब्रह्मदेव के मंदिर के रूप में जानते हैं आपको बता दें कि शिवलिंग में ब्रह्मदेव की आकृति बनी होने के कारण यह शिव ब्रह्मा मंदिर कहलाता है यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर पूजा करने पर भगवान शिव एवं ब्रह्मदेव को पूजा करने का लाभ मिलता है यह मंदिर ग्रेनाइट पत्थर का बना है और खजुराहो के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है इस मंदिर का निर्माण किया गया था!

खजुराहो के अधिकृत गाइड श्याम रजक बताते हैं कि वैसे तो यह शिव मंदिर है लेकिन विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है इसमें शिवलिंग के साथ ब्रह्मदेव की आकृति उकेरी गई हैं यही वजह है यहां पर पूजा करने से लोगों को शिव एवं ब्रह्मदेव दोनों को पूजने का लाभ मिलता है!

बाइट_श्याम लाल_गाइड


Conclusion:इस मंदिर का ठीक से प्रचार-प्रसार ना होने की वजह से ज्यादातर पर्यटक इस ओर नहीं आते हैं यही वजह है कि यह मंदिर पुरातत्व विभाग एवं पर्यटकों की उपेक्षा का शिकार हो रहा है अगर ठीक से समंदर का प्रचार-प्रसार किया जाता है तो निश्चित ही खजुराहो में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी!
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