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शिक्षक ने तेंदूपत्ता ठेकेदार को सरकारी स्कूल दे दिया किराए पर, मजदूरों के रुकने का बना ठिकाना

छतरपुर जिले के किशनगढ़ गांव के शासकीय स्कूल को किराए पर दिए जाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि तेंदूपत्ता ठेकदार और स्कूल के शिक्षकों की मिलीभगत से स्कूल को किराए पर दिया गया है. शिक्षा विभाग कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी.

किशनगढ़ गांव का स्कूल
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Published : Jun 6, 2019, 7:14 PM IST

छतरपुर। जिले के बिजावर तहसील के किशनगढ़ गांव के स्कूल को शिक्षकों और ठेकादरों की मदद से किराए पर दिए जाने का मामला सामने आया है. जहां तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों ने स्कूल में टेरा जमा रखा है. मामले में जिला सहायक शिक्षा अधिकारी एचएस त्रिपाठी का कहना है. हम इसकी जांच कराएंगे अगर मामला सही पाया जाएगा तो स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

किराए पर दे दिया किशनगढ़ का गांव का सरकारी स्कूल

बताया जा रहा है कि कि किशनगढ़ के झबर्रा प्राथमिक स्कूल इन दिनों धर्मशाला की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. क्योंकि यहां तेंत्तूपत्ता के ठेकेदारों और स्कूल शिक्षकों की मिलीभगत से स्कूल को किराए पर दे दिया है, जिससे स्कूल में कई मजूदर रुके हुए हैं. जबकि इस प्रशासन का ध्यान ही नहीं है और न ही अब तक इस मामले में पर कोई कार्रवाई की गई है.

मामले में जब जिला सहायक शिक्षा अधिकारी एसएस त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी. अगर स्कूल को किराए पर दिया गया है तो शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि स्कूल का इस्तेमाल रुकने या ठहरने के लिए नहीं किया जा सकता है.

क्या कहता है स्कूल शिक्षा विभाग का नियम
स्कूल शिक्षा विभाग का नियम कहता है कि शासकीय स्कूल में न तो किसी प्रकार का कोई आयोजन किया जा सकता है और ना ही किसी बाहरी संस्था कोई स्कूल का इस्तेमाल करने को दिया जा सकता है. लेकिन इन सभी नियमों को दरकिनार कर स्कूल के शिक्षकों ने तेंदूपत्ता के ठेकेदारों से सांठगांठ कर इस स्कूल को किराए पर दिया है.

छतरपुर। जिले के बिजावर तहसील के किशनगढ़ गांव के स्कूल को शिक्षकों और ठेकादरों की मदद से किराए पर दिए जाने का मामला सामने आया है. जहां तेंदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों ने स्कूल में टेरा जमा रखा है. मामले में जिला सहायक शिक्षा अधिकारी एचएस त्रिपाठी का कहना है. हम इसकी जांच कराएंगे अगर मामला सही पाया जाएगा तो स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

किराए पर दे दिया किशनगढ़ का गांव का सरकारी स्कूल

बताया जा रहा है कि कि किशनगढ़ के झबर्रा प्राथमिक स्कूल इन दिनों धर्मशाला की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. क्योंकि यहां तेंत्तूपत्ता के ठेकेदारों और स्कूल शिक्षकों की मिलीभगत से स्कूल को किराए पर दे दिया है, जिससे स्कूल में कई मजूदर रुके हुए हैं. जबकि इस प्रशासन का ध्यान ही नहीं है और न ही अब तक इस मामले में पर कोई कार्रवाई की गई है.

मामले में जब जिला सहायक शिक्षा अधिकारी एसएस त्रिपाठी से बात की गई तो उनका कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी. अगर स्कूल को किराए पर दिया गया है तो शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि स्कूल का इस्तेमाल रुकने या ठहरने के लिए नहीं किया जा सकता है.

क्या कहता है स्कूल शिक्षा विभाग का नियम
स्कूल शिक्षा विभाग का नियम कहता है कि शासकीय स्कूल में न तो किसी प्रकार का कोई आयोजन किया जा सकता है और ना ही किसी बाहरी संस्था कोई स्कूल का इस्तेमाल करने को दिया जा सकता है. लेकिन इन सभी नियमों को दरकिनार कर स्कूल के शिक्षकों ने तेंदूपत्ता के ठेकेदारों से सांठगांठ कर इस स्कूल को किराए पर दिया है.

एमपी_छतरपुर
रिपोर्ट_जयप्रकाश
स्टोरी स्लग_भाड़े पर स्कूल(डे प्लान स्पेसल स्टोरी)
डेट_06/06/2019
छतरपुर! छतरपुर जिले के बिजावर तहसील अंतर्गत किशनगढ़ संकुल में भाड़े के स्कूल का मामला सामने आया है जहां पर एक स्कूल को शिक्षकों की मिलीभगत से भाड़े पर दे दिया गया है जिसने तेंदूपत्ता का काम करने वाले ठेकेदारों के मजदूर रुके हुए हैं मिली जानकारी के अनुसार यह मजदूर पिछले कई दिनों से स्कूल में बराबर रह रहे हैं और इस स्कूल का स्तमाल एक धर्मशाला की तरह कर रहे हैं!


दरअसल  बिजावर तहसील के अंतर्गत किशनगढ़ संकुल का झबर्रा प्राथमिक शाला इन दिनों धर्मशाला बना हुआ है दरअसल जिस क्षेत्र में यह स्कूल आता है वहां आसपास काफी जंगल है और यह जंगल तेंदूपत्ता के पेड़ों का है और यही तेंदूपत्ता के ठेकेदारों द्वारा स्कूल के शिक्षकों से सांठगांठ कर इस स्कूल में उन्होंने अपने कई मजदूरों को रख रखा है जिस वजह से यह मजदूर इस स्कूल का उपयोग एक धर्मशाला की तरह कर रहे हैं!

क्या कहता है स्कूलों को लेकर नियम

नियम कहता है कि कोई भी शासकीय स्कूल में न तो किसी प्रकार का कोई आयोजन किया जा सकता है और ना ही किसी बाहरी संस्था कोई स्कूल का इस्तेमाल करने को दिया जा सकता है लेकिन इन सभी नियमों को दरकिनार कर स्कूल के शिक्षकों ने तेंदूपत्ता के ठेकेदारों से सांठगांठ कर इस स्कूल को धर्मशाला में तब्दील कर दिया है!

जिला सहायक शिक्षा अधिकारी एचएस त्रिपाठी का कहना है कि मामला आपके द्वारा मेरी संज्ञान में आया है निश्चित तौर पर किसी भी शासकीय स्कूल को कोई भी बारी व्यक्ति या संस्था उपयोग नहीं कर सकती अगर इस तरह से कोई शासकीय स्कूल का इस्तेमाल कर रहा है तो निश्चित तौर पर यह बड़ी लापरवाही है इस पूरे मामले की जांच कराएंगे और जो भी व्यक्ति इस मामले में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी!

बाइट_एच एस त्रिपाठी जिला सहायक शिक्षा अधिकारी


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