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पान की पीक से रंगीन जिला अस्पताल की दिवारें, प्रबंधन कर रहा चालानी कार्रवाई की तैयारी - पान एवं गुटके की पीके

छतरपुर के शासकीय अस्पताल में लोगों ने दिवारों को पान एंव गुटके की पीक से रंगीन कर दिया है.

जिला अस्पताल की दिवारें पान की पीक से रंगीन
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Published : Sep 15, 2019, 2:59 AM IST

छतरपुर। जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में इन दिनों पान और गुटके की पीके इस कदर दिखाई दे रही हैं कि मानो जिला अस्पताल को नए रंग से रंग दिया गया हो. अस्पताल के अंदर जहां पर साफ-सफाई करने या सफाई बनाए रखने जैसे स्लोगन लिखे हुए हैं, उन्हीं दीवारों पर पान और गुटका खाने वालों ने थूका है.

पान की पीक से रंगीन जिला अस्पताल की दिवारें


जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में लगातार गंदगी का आलम देखने को मिल रहा है. मरीजों के साथ आने वाले परिजन और अस्पताल के कर्मचारी गुटका, पान खाकर अस्पताल के अंदर ही थूक रहें हैं. जिला अस्पताल में लगभग 500 से अधिक सफाई कर्मचारी काम करते हैं, बावजूद इसके गुटका और पान खाने वालों को रोकने वाला कोई नहीं है.


इस मामले में सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी का कहना है कि बुंदेलखंड के लोगों को इस तरह से समझाना आसान नहीं है. जल्दी वो चालानी कार्रवाई करेंगे. साथ ही इस संबंध में बेहतर प्रयास कर स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन से भी बात की जाएगी.

छतरपुर। जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में इन दिनों पान और गुटके की पीके इस कदर दिखाई दे रही हैं कि मानो जिला अस्पताल को नए रंग से रंग दिया गया हो. अस्पताल के अंदर जहां पर साफ-सफाई करने या सफाई बनाए रखने जैसे स्लोगन लिखे हुए हैं, उन्हीं दीवारों पर पान और गुटका खाने वालों ने थूका है.

पान की पीक से रंगीन जिला अस्पताल की दिवारें


जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में लगातार गंदगी का आलम देखने को मिल रहा है. मरीजों के साथ आने वाले परिजन और अस्पताल के कर्मचारी गुटका, पान खाकर अस्पताल के अंदर ही थूक रहें हैं. जिला अस्पताल में लगभग 500 से अधिक सफाई कर्मचारी काम करते हैं, बावजूद इसके गुटका और पान खाने वालों को रोकने वाला कोई नहीं है.


इस मामले में सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी का कहना है कि बुंदेलखंड के लोगों को इस तरह से समझाना आसान नहीं है. जल्दी वो चालानी कार्रवाई करेंगे. साथ ही इस संबंध में बेहतर प्रयास कर स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन से भी बात की जाएगी.

Intro:जिले के सबसे बड़ी शासकीय अस्पताल में इन दिनों पान एवं गुटके की पीके इस कदर दिखाई देती है कि देखने पर लगता है कि मानो जिला अस्पताल को नए रंग से रंग दिया गया हो देखने वाली बात यह है कि जिला अस्पताल के अंदर जहां जहां पर भी साफ सफाई करने एवं सफाई बनाए रखने जैसे स्लोगन लिखे हुए हैं उन्हीं दीवारों पर पान एवं गुटके खाने वालों ने जानबूझकर थूका है!


Body:जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में लगातार गंदगी का आलम देखने को मिल रहा है मरीजों के साथ आने वाले परिजन एवं अस्पताल के कर्मचारी गुटके पान खाकर अस्पताल के अंदर की दीवारों को रंगीन कर रहे हैं इतना ही नहीं जहां-जहां सरकारी स्लोगन लिखे हुए हैं गुटके एवं पान खाने वालों ने वहां सबसे अधिक उम्र का है गुटखा एवं पान का शौक रखने वाले लोगों ने डिलीवरी कक्ष के अलावा जहां-जहां शासकीय डिपार्टमेंट बनाए गए हैं वहां भी जमकर थूंका है!

आपको बता दें कि जिला अस्पताल में लगभग 500 से अधिक सफाई कर्मचारी काम करते हैं बावजूद इसके गुटका एवं पान खाने वालों को रोक नहीं पाते हैं यही वजह है कि लगातार अस्पताल के अंदर गंदगी का माहौल बनता जा रहा है और जगह-जगह पान गुटके की पीके देखने को मिल जाती हैं!

मामले में जब हमने सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी से बात की तो उनका कहना है कि बुंदेलखंड के लोगों को इस तरह से समझाना आसान नहीं है जल्दी हम चालानी कार्यवाही करेंगे कोई भी जिला अस्पताल परिसर में गुटखा खाते हुए पाया जाएगा तू उससे आर्थिक दंड वसूला जाएगा इतना ही नहीं अस्पताल में से ही कुछ लोगों को इसकी जिम्मेदारी दे दी जाएगी ताकि लगातार इसमें सुधार हो सके!

सिविल सर्जन का कहना है कि इस संबंध में और बेहतर प्रयास क्या किए जा सकते हैं इसको लेकर स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन से भी बात की जाएगी!

बाइट_सिविल सर्जन _एच एस त्रिपाठी


Conclusion: मामले में भले ही सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी ने आर्थिक दंड देने की बात कही हो लेकिन इस और अगर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में आलम यह होगा कि मेटरनिटी वार्ड पूरी तरह से गुटके एवं पान खाने वालों की वजह से रंगीन हो जाएगा!
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