छतरपुर। जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर गांव कर्री में धार्मिक आस्था के केंद्र कुंड सरकार मंदिर में लगे दो दिवसीय मेले का समापन हुआ. इस समापन में धार्मिक धुनों पर किया गया लोकनृत्य राई आकर्षण का केंद्र रहा.
हर साल ये मेला कर्री में बसंत पंचमी से दो दिन तक लगता है, जहां सभी क्षेत्रवासी बड़े ही उत्साह के साथ शामिल होते हैं और मेले का आनंद लेते हैं. इस दो दिवसीय मेले में क्षेत्रवासियों में जमकर उत्साह देखा जाता है, जिसका लोग सालभर इंतजार करते हैं. इस साल भी कुंड सरकार मेले में धार्मिक धुनों पर बुंदेली लोक नृत्य का आयोजन किया गया, जहां ढोलक और नगरिया की धुन पर नृत्यांगना जमकर थिरकी और दर्शकों ने इसका खूब आनंद उठाया.
क्या है कुंड सरकार मंदिर की खास बात
यह सिद्ध धाम अपने आप में अनूठा है. यहां की प्राकृतिक चट्टानों के बीच पूरे साल तक जल भरा रहता है, जो हजारों लोगों की प्यास बुझाने के बाद भी खत्म नहीं होता. अब इसे सिद्ध स्थान का चमत्कार कहें या इस जल अभाव क्षेत्र के लिए कुदरत का वरदान. ये बात भी सच है कि इस क्षेत्र में जहां दूर-दूर तक जल की एक बूंद की कल्पना करना मुश्किल है, वहीं महज एक चट्टान पर भरा जल हजारों लोगों की प्यास बुझाता है.
लोगों का कहना है कि इस पवित्र स्थान का इतिहास 70 साल पुराना है, जहां एक कॉन्स्टेबल को हनुमानजी ने दर्शन दिए थे. उसके बाद ग्रामीणों के सहयोग से इस स्थान पर हनुमान जी की स्थापना कराई गई.
बसंत पंचमी का होता है विशेष महत्व
बसंत पंचमी के दिन इस पवित्र स्थान को विशेष रूप से सजाया जाता है, जहां देवी-देवताओं का श्रृंगार देखते ही बनता है. मेले में खानपान के आयोजन के साथ-साथ सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध रहती है. मेला आयोजकों का कहना है कि मेले में हर साल हजारों लोग आते हैं, इसके चलते मेले में हर जरूरी व्यवस्था की जाती है.