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संकट मोचन शिव का यह मंदिर है खास, जानें क्या है इसका राज

छतरपुर में सबसे पुराना भगवान शिव का यह मंदिर 400 साल पुराना है. इस मंदिर को लोग संकट मोचन मंदिर के नाम से जानते हैं. संकट मोचन अर्थात लोगों के संकटों को हरने वाला.

Sankat Mochan Shiv Temple of Chaparpur
छपरपुर का संकट मोचन शिव मंदिर
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Published : Jul 11, 2020, 3:14 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 3:42 PM IST

छतरपुर। शहर के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक संकट मोचन मंदिर शहर के बीचों बीच स्थित है. तालाब पर बनाया गया खूबसूरत मंदिर अपने आप में अद्वितीय है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में कोई भी भक्त अपना संकट लेकर आता है तो भगवान शंकर उस संकट को जरूर दूर करते हैं. यही वजह है कि इस मंदिर को संकट मोचन मंदिर के नाम से जाना जाता है.

छपरपुर का संकट मोचन शिव मंदिर

400 साल पुराना संकट मोचन मंदिर अपने आप में सबसे अनोखा है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाला कोई भी भक्त भगवान शिव के आशीर्वाद के बिना नहीं जाता. यही वजह है कि इस मंदिर को संकटमोचन मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक बड़ी सी शिवलिंग मौजूद है.

मंदिर के पुजारी मुन्ना बताते हैं कि उनकी कई पीढ़ियां इस मंदिर में पूजा करते हुए आ रहे हैं. आज तक इस मंदिर से कोई भी भक्त निराश नहीं गया. पुजारी बताते हैं कि मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. शिवरात्रि के अलावा सावन सोमवार को इस मंदिर में अलग ही रौनक रहती है, क्योंकि इस समय वैश्विक महामारी चल रही है, इसलिए मंदिर में भक्त बहुत कम आ रहे हैं. पुजारी का कहना है कि सावन लगते ही इस मंदिर में अखंड राम धुन का जाप शुरू हो जाता है और यह 24 घंटे चलता रहता है.

मंदिर में दर्शन करने आई एक महिला भक्त का कहना है कि वह पिछले 17 सालों से इस मंदिर में आ रही हैं और आज जो भी उनके पास है, उनके परिवार में जो खुशियां हैं वह सभी इसी मंदिर की देन हैं. आज तक इस मंदिर से मांगी गई कोई भी मनोकामना खाली नहीं गई. भगवान शंकर सभी की मनोकामना पूरी करते हैं.

मंदिर में पिछले कई सालों से अखंड राम धुन का जाप करने वाले चरण अहिरवार बताते हैं कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वह संकटमोचन मंदिर में रामधुन करते हैं. चरण हरिद्वार का कहना है कि वह पिछले कई सालों से इस मंदिर से जुड़े हुए हैं और भगवान भी उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.

संकट मोचन मंदिर छतरपुर का सबसे प्राचीन मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के अंदर बैठे भगवान शिव अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर कर देते हैं, इसलिए इस मंदिर का नाम संकट मोचन मंदिर पड़ गया.

छतरपुर। शहर के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक संकट मोचन मंदिर शहर के बीचों बीच स्थित है. तालाब पर बनाया गया खूबसूरत मंदिर अपने आप में अद्वितीय है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में कोई भी भक्त अपना संकट लेकर आता है तो भगवान शंकर उस संकट को जरूर दूर करते हैं. यही वजह है कि इस मंदिर को संकट मोचन मंदिर के नाम से जाना जाता है.

छपरपुर का संकट मोचन शिव मंदिर

400 साल पुराना संकट मोचन मंदिर अपने आप में सबसे अनोखा है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाला कोई भी भक्त भगवान शिव के आशीर्वाद के बिना नहीं जाता. यही वजह है कि इस मंदिर को संकटमोचन मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक बड़ी सी शिवलिंग मौजूद है.

मंदिर के पुजारी मुन्ना बताते हैं कि उनकी कई पीढ़ियां इस मंदिर में पूजा करते हुए आ रहे हैं. आज तक इस मंदिर से कोई भी भक्त निराश नहीं गया. पुजारी बताते हैं कि मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. शिवरात्रि के अलावा सावन सोमवार को इस मंदिर में अलग ही रौनक रहती है, क्योंकि इस समय वैश्विक महामारी चल रही है, इसलिए मंदिर में भक्त बहुत कम आ रहे हैं. पुजारी का कहना है कि सावन लगते ही इस मंदिर में अखंड राम धुन का जाप शुरू हो जाता है और यह 24 घंटे चलता रहता है.

मंदिर में दर्शन करने आई एक महिला भक्त का कहना है कि वह पिछले 17 सालों से इस मंदिर में आ रही हैं और आज जो भी उनके पास है, उनके परिवार में जो खुशियां हैं वह सभी इसी मंदिर की देन हैं. आज तक इस मंदिर से मांगी गई कोई भी मनोकामना खाली नहीं गई. भगवान शंकर सभी की मनोकामना पूरी करते हैं.

मंदिर में पिछले कई सालों से अखंड राम धुन का जाप करने वाले चरण अहिरवार बताते हैं कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वह संकटमोचन मंदिर में रामधुन करते हैं. चरण हरिद्वार का कहना है कि वह पिछले कई सालों से इस मंदिर से जुड़े हुए हैं और भगवान भी उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.

संकट मोचन मंदिर छतरपुर का सबसे प्राचीन मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर के अंदर बैठे भगवान शिव अपने भक्तों के सभी कष्ट दूर कर देते हैं, इसलिए इस मंदिर का नाम संकट मोचन मंदिर पड़ गया.

Last Updated : Jul 11, 2020, 3:42 PM IST
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